क्या राष्ट्रपति पुतिन के डिनर में एलओपी को नहीं बुलाने से गलत संदेश गया?

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क्या राष्ट्रपति पुतिन के डिनर में एलओपी को नहीं बुलाने से गलत संदेश गया?

सारांश

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के डिनर में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को न बुलाने पर मनोज झा की तल्ख टिप्पणी। उनका कहना है कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गलत संदेश भेजता है। क्या यह भारत की एकता को दर्शाने का सही समय नहीं था?

Key Takeaways

  • रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए डिनर आयोजित किया गया था।
  • राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित नहीं किया गया।
  • मनोज झा ने संकीर्ण सोच की आलोचना की।
  • भारत और रूस के रिश्ते दशकों पुराने हैं।
  • अवसर पर एकता का प्रदर्शन जरूरी है।

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित न करने की तीखी आलोचना की है। उनके अनुसार, इस निर्णय से संकीर्ण सोच की झलक मिलती है और यह दुनिया में गलत मैसेज भेजता है।

मनोज झा ने शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "भारत और रूस के बीच संबंध दशकों से गहरे हैं। जब मैं बच्चा था, तब भी दोनों देशों के बीच दोस्ती थी। समय के साथ यह संबंध और मजबूत हुआ है। लेकिन शुक्रवार को आयोजित डिनर के संबंध में सरकार का निर्णय संकीर्ण सोच का परिचायक है। इसमें स्पष्ट भेदभाव दिख रहा था। क्या आपको नहीं लगता कि राष्ट्रपति पुतिन के मीडिया सलाहकारों ने यहां की खबरें नहीं देखी होंगी? वे क्या संदेश लेकर जाएंगे कि यह एक बंटा हुआ घर है?"

उन्होंने आगे कहा, "यह एक ऐसा अवसर था जब भारत को एकता का प्रदर्शन करना चाहिए था। चुनावों के दौरान यदि हम लड़ते हैं तो ठीक है, लेकिन ऐसे मौकों पर हमें सार्वभौमिकता और गरिमा दिखानी चाहिए।"

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के लिए शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में डिनर का आयोजन किया गया था, जिसमें लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल नहीं थे। शुक्रवार को कांग्रेस ने यह दावा किया कि उन्हें इस डिनर में आमंत्रित नहीं किया गया था।

इसके साथ ही, मनोज झा ने प्रभावित उड़ानों के लिए 'इंडिगो' द्वारा माफी मांगने पर कहा, "इंडिगो की माफी को आधी-अधूरी नहीं कहा जा सकता। मुझे दुःख है कि उन्होंने हमारी सरकार को झुका दिया।"

मनोज झा ने कहा कि जनवरी में एक अधिसूचना जारी की गई थी और अन्य सभी एयरलाइंस इसे मान रही थीं। लेकिन 'इंडिगो' ने अपनी रणनीति का उपयोग कर सरकार को अधिसूचना वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया। यह इस बात का संकेत है कि इस देश में पूंजीपतियों की ताकत इतनी बढ़ गई है कि उन्हें आम नागरिकों की चिंता नहीं है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि भारत और रूस के बीच के संबंधों की गहराई को देखते हुए, इस तरह के निर्णय का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हो सकता है। राजनीति में भेदभाव से बचना चाहिए, खासकर जब बात महत्वपूर्ण वैश्विक नेताओं की हो।
NationPress
06/12/2025

Frequently Asked Questions

मनोज झा ने पुतिन के डिनर में क्या कहा?
मनोज झा ने कहा कि इस डिनर में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को न बुलाना संकीर्ण सोच का परिचायक है।
क्या यह निर्णय भारत की एकता को दर्शाता है?
मनोज झा ने कहा कि यह एकता का मौका था, लेकिन सरकार ने भेदभाव किया।
इंडिगो ने माफी क्यों मांगी?
मनोज झा ने कहा कि इंडिगो ने सरकार को झुकाने के लिए माफी मांगी, जो एक चिंता का विषय है।
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