क्या 'हम संविधान में आस्था रखने वाले लोग' हैं? मनोज झा ने धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर क्या कहा?

सारांश
Key Takeaways
- संविधान में आस्था रखने वालों का महत्व
- बिहार की बहुलता पर ध्यान देने की आवश्यकता
- सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास
- मतदाता सूची संशोधन की चुनौतियाँ
- राजनीतिक संवाद का महत्व
नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के उस विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि भारत एक हिंदू राष्ट्र बनता है, तो पहला राज्य बिहार होगा। मनोज झा ने कहा कि हम संविधान में आस्था रखने वाले लोग हैं।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि हम संविधान का सम्मान करते हैं। बाबा साहेब अंबेडकर, गांधी और नेहरू जैसे महान नेताओं का आदर करते हैं। भारत एक बहु-धार्मिक और बहुभाषी देश है, जहाँ अनेक धर्म और संस्कृतियाँ विद्यमान हैं। हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है।
ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी के बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंड बर्दाश्त नहीं होंगे, मनोज झा ने कहा कि यह एक सकारात्मक पहल है कि मोदी ने आतंकवादी हमले का जिक्र किया।
राजद सांसद ने विपक्षी दलों द्वारा बिहार मतदाता सूची संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर कहा कि यह एक सामूहिक चिंता है, जो हर गरीब और हाशिए पर मौजूद व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा कि बिहार की वास्तविकता से देश वाकिफ है। 22 साल बाद चुनाव आयोग मतदाता सूची का पुनरीक्षण कर रहा है, और जिन 11 दस्तावेजों की आवश्यकता है, वह चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि सही फैसला आएगा। उन्होंने चुनाव आयोग को यह भी सलाह दी कि उनका कार्य निष्पक्ष चुनाव कराना है, न कि संदिग्धता को स्थापित करना। 9 जुलाई को विपक्षी दल इसी मुद्दे पर चक्का जाम करने की योजना बना रहे हैं।