क्या मराठा आरक्षण आंदोलन में रामदास अठावले ने मनोज जरांगे की प्रशंसा की?

सारांश
Key Takeaways
- रामदास अठावले का मानना है कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए।
- मनोज जरांगे पाटिल ने आंदोलन को नई दिशा दी है।
- प्रदर्शन में शांति और अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता है।
- कानून-व्यवस्था को बनाए रखना उतना ही महत्वपूर्ण है।
- सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता से विचार करना चाहिए।
मुंबई, १ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख नेता मनोज जरांगे पाटिल की लोकप्रियता की सराहना की है। उन्होंने कहा कि जरांगे मराठा समुदाय के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने सात से आठ बार भूख हड़ताल कर पूरे महाराष्ट्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
रामदास अठावले ने कहा, “मराठा समुदाय उन्हें अपना नेता मानता है और उनके एक आह्वान पर हजारों लोग मुंबई में विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए हैं। मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए।”
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने प्रदर्शनकारियों से शांति और अनुशासन बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह विरोध रैली मुंबई के आजाद मैदान तक ही सीमित रहनी चाहिए। निर्धारित क्षेत्र से बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों को तुरंत वापस लौटने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
अठावले ने जोर देकर कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन कानून-व्यवस्था को बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
उन्होंने प्रशासन से भी आग्रह किया कि प्रदर्शनकारियों के साथ संवेदनशीलता और संयम के साथ व्यवहार किया जाए। मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र में लंबे समय से चर्चा का केंद्र रहा है। मराठा समुदाय, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा माना जाता है, शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा है। मनोज जरांगे पाटिल ने इस आंदोलन को नई दिशा दी है और उनके नेतृत्व में समुदाय ने कई बड़े प्रदर्शन किए हैं। केंद्र और राज्य सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। बातचीत से ही इस जटिल मुद्दे का हल निकल सकता है।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अंतरराष्ट्रीय मामलों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय चीन की यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की।
उन्होंने इस मुलाकात को भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की यह मुलाकात दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों को सुलझाने में एक संभावित रास्ता खोजने में मदद कर सकती है।”