क्या मस्जिद में अखिलेश यादव ने राजनीतिक चर्चा की? अवधेश प्रसाद का बयान

सारांश
Key Takeaways
- सपा सांसद ने भाजपा के आरोपों को खारिज किया।
- मस्जिद में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।
- भाजपा की चिंता सपा की लोकप्रियता को लेकर है।
- तेजस्वी यादव ने चुनाव बहिष्कार का संकेत दिया।
- मतदाता सत्यापन पर सवाल उठाया गया।
नई दिल्ली, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भाजपा द्वारा लगाए गए उन आरोपों को खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि संसद भवन के निकट स्थित मस्जिद में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राजनीतिक बैठक की।
अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा अखिलेश यादव और सपा की बढ़ती लोकप्रियता से परेशान हो गई है, जिससे उसे दर्द हो रहा है।
२२ जुलाई को, सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा की थीं, जिनमें सपा प्रमुख के साथ उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव भी थीं। भाजपा ने इन तस्वीरों पर आपत्ति जताई थी।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान, अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा के लोग बेकार की बातें इसलिए करते हैं क्योंकि सपा की लोकप्रियता उन्हें सहन नहीं होती। मस्जिद के अंदर किसी प्रकार की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। हमारे सांसद वहाँ थे, मस्जिद के बाहर दो कमरे थे, जहाँ चाय पीने का आग्रह किया गया था। मैं फिर से स्पष्ट करना चाहता हूँ कि मस्जिद में किसी प्रकार की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।
सपा सांसद ने बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें तेजस्वी ने चुनाव का बहिष्कार करने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग के माध्यम से देश में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास कर रही है। मतदाता सत्यापन के जरिए वोट काटने का काम गलत है। संविधान के निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर ने सभी मतदाताओं को वोट देने का अधिकार दिया, लेकिन भाजपा लगातार इस व्यवस्था का उल्लंघन कर रही है। भाजपा संविधान को खत्म करने की कोशिश में लगी है, लेकिन जब तक हम लोग हैं, भाजपा की यह कोशिश सफल नहीं होने देंगे। हालाँकि, उन्होंने सीधे चुनाव के बहिष्कार पर कोई टिप्पणी नहीं की।