क्या मायावती ने अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम स्थल पर न जाने का बड़ा फैसला लिया?
सारांश
Key Takeaways
- मायावती ने 6 दिसंबर को कार्यक्रमों में शामिल न होने का निर्णय लिया।
- सुरक्षा संबंधी परेशानियों के कारण यह निर्णय लिया गया।
- अनुयायियों से भारी संख्या में श्रद्धांजलि अर्पित करने की अपील की गई है।
लखनऊ, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने बुधवार को एक विस्तृत बयान जारी करते हुए पार्टी की सामाजिक न्याय नीति, महापुरुषों के प्रति सम्मान और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वे 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाले बड़े कार्यक्रमों में भाग नहीं लेंगी। इसके पीछे उन्होंने एक महत्वपूर्ण कारण बताया।
मायावती ने कहा कि बसपा सरकारों के दौरान महात्मा ज्योतिबा फुले, राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायण गुरु, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और कांशीराम जैसे सामाजिक सुधारकों को भरपूर सम्मान मिला, जबकि जातिवादी दलों की सरकारों में इन महापुरुषों की उपेक्षा की गई।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बताया कि इन महापुरुषों के योगदान को अमर करने के लिए बसपा सरकार ने उनके नाम पर कई जनहित और कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की।
लखनऊ में अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल और नोएडा में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल जैसे भव्य पार्क और स्मारक बनवाए गए हैं, जो आज अनुयायियों के लिए तीर्थस्थल बन चुके हैं। इन स्थलों पर जयंती और पुण्यतिथि के अवसर पर हजारों की भीड़ उमड़ती है।
मायावती ने कहा कि जब भी वह इन स्थलों पर श्रद्धांजलि अर्पित करने जाती हैं, तो सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी जाती है, जो आवश्यक भी है, लेकिन इससे आने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। उनके ठहरने तक आम लोग मुख्य स्थल से दूर रोक दिए जाते हैं, जिससे उन्हें दिक्कत होती है।
इसी कारण उन्होंने निर्णय लिया है कि अब वह महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर स्वयं उन स्थलों पर नहीं जाएंगी, बल्कि अपने आवास या पार्टी कार्यालय में ही श्रद्धांजलि देंगी।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की 6 दिसंबर को होने वाली पुण्यतिथि के संबंध में मायावती ने कार्यक्रम की रूपरेखा भी स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश के पार्टी पदाधिकारी और अनुयायी लखनऊ के अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल और नोएडा स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पहुंचेंगे।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे परिवार सहित भारी संख्या में वहां पहुंचें ताकि बाबा साहेब के जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेकर आंदोलन को मजबूत किया जा सके।
यह आयोजन केवल श्रद्धांजलि नहीं है, बल्कि आत्म-सम्मान और स्वाभिमान के आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प है। हमारा लक्ष्य है कि बहुजन समाज के उत्थान के लिए शुरू किया गया यह आंदोलन सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करे। 'एक्स' पोस्ट के अंत में उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ता मिलकर इस मिशन को आगे बढ़ाएं।