क्या मीठी नदी घोटाले में ठेकेदार शेरसिंह राठौड़ की गिरफ्तारी ने मुंबई में हलचल मचा दी?

सारांश
Key Takeaways
- मीठी नदी घोटाला मुंबई के बड़े घोटालों में से एक है।
- शेरसिंह राठौड़ की गिरफ्तारी ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
- बीएमसी के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- फर्जी बिल बनाकर भारी धनराशि का दुरुपयोग किया गया है।
- जांच अभी भी जारी है और और भी नाम सामने आने की संभावना है।
मुंबई, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मीठी नदी सफाई घोटाले में एक ठेकेदार को गिरफ्तार करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान शेरसिंह राठौड़ के रूप में हुई है। पुलिस उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश करेगी।
जानकारी के अनुसार, शेरसिंह राठौड़ का नाम प्रारंभिक एफआईआर में शामिल नहीं था। हालांकि, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, उसके खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत प्राप्त हुए। जांच के दौरान राठौड़ की संलिप्तता उजागर हुई और उसे गिरफ्तार किया गया।
यह ध्यान देने योग्य है कि मीठी नदी सफाई घोटाला मुंबई के प्रमुख घोटालों में से एक माना जा रहा है। आरोप है कि मीठी नदी की सफाई के लिए उपयोग की गई मशीनों, जैसे कि कीचड़ हटाने वाली और गहरी खुदाई करने वाली मशीनें, के लिए खर्च किए गए पैसों का दुरुपयोग हुआ। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कोच्चि स्थित कंपनी मैटप्रॉप टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से प्राप्त मशीनों के लिए बढ़ी हुई कीमतें चुकाईं।
वास्तव में, मीठी नदी की गाद निकालने के लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। इस प्रोजेक्ट में कई प्रकार की अनियमितताएँ सामने आईं और बताया गया कि काम केवल कागज पर हुआ जबकि वास्तविकता में नदी में कोई कार्य नहीं किया गया। गाद निकालने के नाम पर फर्जी बिल बनाकर भुगतान किया गया, जिससे भारी लूट हुई। इस मामले में पहले मुंबई पुलिस ने एसआईटी का गठन किया और बाद में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इसे अपने हाथ में लिया।
जांचकर्ताओं का मानना है कि इस धोखाधड़ी को बीएमसी के कुछ अधिकारियों और मैटप्रॉप कंपनी के कर्मचारियों ने मिलकर अंजाम दिया। बीएमसी के पास बढ़ा-चढ़ाकर बिल भेजा गया।
इस पूरे मामले में बॉलीवुड अभिनेता डीनो मोरिया का नाम भी सामने आया था, जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने उनसे भी पूछताछ की। मामले में गिरफ्तार दो मिडिल मैन में से एक की जांच करते समय कुछ दस्तावेज मिले थे, जिसमें डीनो मोरिया और उनके भाई की कंपनी का नाम शामिल था।