क्या मिजोरम की 'बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन' से बढ़ेगी कनेक्टिविटी?

सारांश
Key Takeaways
- बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन मिजोरम की कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी।
- इस परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा।
- यात्रा समय घटकर तीन घंटे हो जाएगा।
- इसमें कुल 48 सुरंगें और 142 पुल शामिल हैं।
- यह परियोजना लगभग 11 साल में पूरी हुई है।
आइजोल, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने वाली बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन अब पूरी तरह से तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस नई रेल लाइन का उद्घाटन करने वाले हैं।
बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के मुख्य इंजीनियर विनोद कुमार ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया, "यह भारतीय रेलवे का एक कठिन प्रोजेक्ट है, जिसमें हर पॉइंट पर अपने-अपने चैलेंज हैं। यहां पर कार्य करने का मौसम काफी सीमित है। भारी वर्षा के कारण साल में केवल चार महीने ही काम संभव होता है। इस नए नेटवर्क के माध्यम से राजधानी आइजोल तक आसानी से पहुंचना संभव होगा, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन के तहत चार नए स्टेशन बनाए गए हैं, जिनमें मिजोरम का हॉर्टोकी, कौनपुई, मुलखांग और सैरांग शामिल हैं।"
उन्होंने यह भी बताया, "यह रेलवे लाइन सिलचर को सीधे मिजोरम की राजधानी आइजोल से जोड़ती है। पहले मिजोरम में केवल बैराबी तक ही रेलवे ट्रैक था, जहां से आगे जाने के लिए सड़क का सहारा लेना पड़ता था। इससे न केवल समय अधिक लगता था, बल्कि मौसम खराब होने पर भूस्खलन जैसी समस्याएं भी आती थीं, जिससे रास्ते बाधित हो जाते थे। लेकिन अब इस नए रेलवे ट्रैक के बनने से असम और गुवाहाटी जैसे राज्यों की कनेक्टिविटी सीधे आइजोल से हो गई है।"
आइजोल की कनेक्टिविटी सिलचर और गुवाहाटी दोनों से होती है। सिलचर से आइजोल पहुंचने में आज कम से कम आठ घंटे का समय लगता है, लेकिन इस रेलवे प्रोजेक्ट के कारण यह समय घटकर तीन घंटे रह जाएगा। वहीं, गुवाहाटी तक सड़क यात्रा में करीब 14 से 18 घंटे का समय लगता है, जो ट्रेन से मात्र 12 घंटे में पूरा होगा।
यह उल्लेखनीय है कि बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन प्रोजेक्ट की आधारशिला पीएम मोदी ने 29 नवंबर 2014 को रखी थी और इसे पूरा करने में करीब 11 साल का समय लगा। इसकी कुल लागत लगभग 5,021.45 करोड़ रुपये है। इस रेलवे ट्रैक में कुल 51 किलोमीटर लंबाई के साथ 48 सुरंगें हैं, जिनकी कुल लंबाई 12,853 मीटर है। इसके अलावा, 142 लोहे के पुल बनाए गए हैं, जिनके ऊपर से ट्रेनें गुजरेंगी।