क्या मिजोरम कांग्रेस ने उपचुनाव से पहले नेतृत्व में बड़ा बदलाव किया?

सारांश
Key Takeaways
- उपचुनावों की तैयारी में तेजी आई है।
- जॉन रोटलुआंगलियाना को नया उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
- कांग्रेस ने नेतृत्व में बदलाव किया है।
- राजनीति में एक नई शुरुआत का संकेत है।
- पार्टी की एकजुटता को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
आईजॉल, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मिजोरम में आगामी उपचुनावों की तैयारियों में तेजी आई है। राज्य की सत्ताधारी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने अपनी रणनीतियों को और अधिक मजबूत किया है।
इस संदर्भ में, मिजोरम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) ने पार्टी को सशक्त करने के लिए नेतृत्व में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता जॉन रोटलुआंगलियाना को एमपीसीसी का नया उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह निर्णय पार्टी को राज्य की राजनीति में पुनः सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल मानी जा रही है।
एमपीसीसी के अध्यक्ष लाल थंजारा ने इस नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने कहा, "पार्टी को सशक्त बनाने के निरंतर प्रयासों के तहत यह कदम उठाया गया है। जॉन रोटलुआंगलियाना का अनुभव और समर्पण हमें उपचुनाव में सफलता दिलाने में मदद करेगा।"
सूत्रों के अनुसार, 62 वर्षीय जॉन रोटलुआंगलियाना लंबे समय से कांग्रेस के साथ जुड़े हुए हैं। वे 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में ममित निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। विधायक रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। इनमें मिजोरम विधानसभा के उपाध्यक्ष के अलावा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री, परिवहन मंत्री तथा पर्यटन मंत्री जैसे प्रमुख पद शामिल हैं।
वर्तमान में वे पार्टी के सलाहकार के रूप में सक्रिय हैं। उनकी नियुक्ति से पार्टी के युवा नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह है।
एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, "जॉन सर का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक है। वे हमेशा जनहित के मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं। यह बदलाव पार्टी की एकजुटता को बढ़ाएगा।"
गौरतलब है कि मिजोरम की राजनीति में कांग्रेस का इतिहास उपलब्धियों से भरा रहा है। 2013 के चुनाव में पार्टी ने 34 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया था, लेकिन 2018 और 2023 के चुनाव में जोरमथंगा के नेतृत्व वाली मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और फिर लालदुहोमा की जेडपीएम ने सत्ता अपने नाम कर ली। 2023 में हुए चुनाव में कांग्रेस केवल एक सीट तक सिमट गई थी।