क्या मनरेगा पर विपक्ष का विरोध बेकार है? 'जी राम जी' कानून देशहित में है: दीपक प्रकाश
सारांश
Key Takeaways
- दीपक प्रकाश ने कांग्रेस के विरोध को बेबुनियाद बताया।
- 'जी राम जी' कानून मजदूरों के हित में है।
- विरोध प्रदर्शन 5 जनवरी से शुरू होगा।
- कांग्रेस ने रोजगार की गारंटी पर ध्यान केंद्रित किया है।
- भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह बदलाव जरूरी था।
पटना, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार में मंत्री दीपक प्रकाश ने मनरेगा योजना का नाम बदलने के खिलाफ कांग्रेस द्वारा 5 जनवरी को आयोजित किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन को बेवजह का मुद्दा बताया है। उन्होंने कहा कि 'जी राम जी' कानून मजदूरों के हित में ही नहीं, बल्कि देशहित में भी है।
कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न वर्किंग कमेटी की बैठक में 'जी राम जी' कानून पर विस्तार से चर्चा की। कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि वे नए कानून को वापस लिए जाने तक इसका विरोध जारी रखेंगे। विरोध प्रदर्शन 5 जनवरी से प्रारंभ होगा और फरवरी तक चलेगा। कांग्रेस के नेता गांव-गांव में यह समझाएंगे कि किस प्रकार रोजगार की गारंटी को समाप्त किया गया है।
कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर मंत्री दीपक प्रकाश ने कहा कि यदि मनरेगा का नाम बदल दिया गया है, तो इसमें आपत्ति की क्या बात है? उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के विकसित भारत 2047 के तहत मनरेगा का नाम बदलना आवश्यक था। पहले इस योजना में भ्रष्टाचार की कई बातें सामने आती थीं।
उन्होंने आगे कहा कि इन सभी समस्याओं को रोकने के लिए यह बदलाव किया गया है। 'जी राम जी' कानून देशहित में लाया गया है।
जब दीपक प्रकाश से पूछा गया कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा के विधायक नाराज बताए जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मीडिया में चल रही बातें बेबुनियाद हैं। इस मुद्दे पर पार्टी नेतृत्व से बात करेंगे।
दीपक प्रकाश के मंत्री बनने से राष्ट्रीय लोक मोर्चा के विधायक नाराज बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि विधायक चाहते थे कि पार्टी नेतृत्व किसी अन्य विधायक का नाम मंत्री के लिए आगे करे, लेकिन पार्टी अध्यक्ष ने अपने बेटे का नाम आगे कर दिया।