क्या मोढेरा सोलर पावर से आत्मनिर्भर बना है?

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क्या मोढेरा सोलर पावर से आत्मनिर्भर बना है?

सारांश

मोढेरा गांव ने सौर ऊर्जा के माध्यम से अपने बिजली बिलों में भारी कमी की है। यहां हर घर और सरकारी इमारत पर सोलर पैनल लगे हैं, जिससे ग्रामीणों को बड़ी बचत हो रही है। यह गांव आत्मनिर्भरता की एक मिसाल बन चुका है।

Key Takeaways

  • मोढेरा ने सौर ऊर्जा को अपनाकर बिजली बिलों में भारी कमी की है।
  • सभी सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगे हुए हैं।
  • ग्रामीणों को टीवी, फ्रिज, और पंखा
  • सौर ऊर्जा ने गांव को आत्मनिर्भर बना दिया है।
  • यह गुजरात और देश के अन्य गांवों के लिए एक प्रेरणा है।

मेहसाणा, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के मेहसाणा जिले का मोढेरा गांव 11वीं शताब्दी में बने ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध था। आज यह अपनी सौर ऊर्जा वाली पहचान के लिए और भी ज्यादा चर्चित हो गया है। यहां के हर घर, हर गली और हर सरकारी इमारत की छत पर सोलर पैनल लगे हुए हैं। पूरे गांव में 1,300 से ज्यादा रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किए गए हैं, जिससे लोगों का बिजली बिल लगभग शून्य हो चुका है।

गांव में लगे 15 मेगावाट के बैटरी स्टोरेज सिस्टम के कारण रात में भी बिजली की कोई कमी नहीं रहती। इसका मतलब यह है कि सूरज ढलने के बाद भी मोढेरा गांव पूरी तरह रोशन रहता है।

गांव के उप सरपंच सबीरभाई बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल के चलते मोढेरा के हर घर की छत पर सोलर सिस्टम लगाया गया। इसका फायदा यह हुआ कि पंचायत, अस्पताल, स्कूल, बस स्टॉप और सभी सरकारी दफ्तरों को भी बिजली बिल नहीं देना पड़ता।

मोढेरा निवासी भरतभाई चुथार बताते हैं कि पहले उनका बिजली बिल 1,000 से लेकर 1,500 रुपए तक आता था, लेकिन अब 1 किलोवॉट सोलर सिस्टम लगाने के बाद मुश्किल से 200 से 300 रुपए तक बिल आता है। इससे घर के खर्च में काफी राहत मिली है। ग्रामीणों को अब टीवी, फ्रिज, पंखा

गांव के रमेश देशाई कहते हैं कि सोलर सिस्टम लगने से उन्हें अच्छी-खासी बचत हो रही है। चेतनाबेन पटेल का भी यही कहना है कि पहले जितना बिजली बिल आता था, अब उसका बड़ा हिस्सा बच जाता है और रात में भी पर्याप्त बिजली मिल जाती है।

मोढेरा गांव की खास बात यह है कि यहां हर सरकारी बिल्डिंग, जैसे पंचायत भवन, स्कूल, अस्पताल और बस स्टॉप की छत पर भी सोलर पैनल लगे हैं। गांव की स्ट्रीट लाइटें भी सौर ऊर्जा से ही चलती हैं। यहां ईवी चार्जिंग स्टेशन जैसी आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं।

इसके अलावा, गांव में एक ग्राउंड-माउंटेड सोलर पावर प्लांट भी बनाया गया है, जिससे बची हुई बिजली राष्ट्रीय ग्रिड को भेजी जाती है। इसी बिजली से प्रसिद्ध सूर्य मंदिर भी रोशन होता है।

आज मोढेरा सिर्फ गुजरात में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक ऐसी जगह के रूप में जाना जा रहा है, जिसने खुद को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बना लिया है। गांव के लोग भी इस बदलाव से बहुत खुश हैं और मानते हैं कि सौर ऊर्जा ने उनकी जिंदगी आसान बना दी है।

Point of View

बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार कर रहा है। यह एक प्रेरणादायक मॉडल है, जिसे अन्य गांवों को अपनाना चाहिए।
NationPress
21/12/2025

Frequently Asked Questions

मोढेरा में सोलर पैनल लगाने का मुख्य कारण क्या है?
मोढेरा में बिजली बिलों को कम करने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं।
क्या मोढेरा में सौर ऊर्जा से कोई अन्य लाभ भी मिलते हैं?
हां, सौर ऊर्जा से न केवल बिजली की बचत होती है, बल्कि रात में भी बिजली उपलब्ध रहती है।
मोढेरा में सौर पैनल से कितनी बचत हो रही है?
ग्रामीणों की बिजली बिल लगभग 1,000 से 1,500 रुपए से घटकर 200 से 300 रुपए तक पहुंच गई है।
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