क्या प्रधानमंत्री मोदी का पटना में रोड शो ऐतिहासिक था?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का रोड शो बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है।
- लाखों लोगों की भागीदारी ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।
- महिलाओं की भागीदारी इस रोड शो की खास बात थी।
- भाजपा के नेताओं ने इसे बिहार में सबसे बड़ा राजनीतिक समारोह बताया।
- जनता का उत्साह प्रधानमंत्री मोदी के प्रति विश्वास को दर्शाता है।
पटना, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रविवार को पटना में हुए रोड शो में भारी भीड़ देखी गई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने इसे राज्य की राजधानी में आयोजित सबसे बड़े राजनीतिक समारोहों में से एक बताया।
बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि सड़कों पर लोगों का उत्साह प्रधानमंत्री के प्रति जनता के विश्वास को प्रकट करता है।
उन्होंने कहा कि आज का रोड शो वाकई अद्वितीय था। मैंने इतनी बड़ी भीड़ पहले कभी नहीं देखी। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपील की है कि वे बिहार में राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन के 'जंगलराज' को वापस न आने दें।
भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया और महिलाओं की भारी भागीदारी पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि लाखों महिलाएं मौजूद थीं, कई महिलाओं ने आरती की और फूल बरसाए। प्रधानमंत्री के प्रति लोगों का सम्मान देखकर हम भावुक हो गए।
केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि महिलाओं का छतों से जयकारा लगाना बिहार के घरों में प्रधानमंत्री मोदी की अनूठी लोकप्रियता को दर्शाता है। पटना में आज का रोड शो बहुत बड़ा था और यह एनडीए की ताकत और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का प्रतीक है।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो को देखने के लिए रास्ते में भारी भीड़ जुटी थी। लोग छतों से उन्हें देखते हुए दिखाई दिए, जबकि कुछ महिलाओं ने आरती की। काफिले के गुजरते ही समर्थकों ने 'मोदी मोदी' के नारे लगाए। रविशंकर प्रसाद, रामकृपाल यादव, स्थानीय विधायक और उम्मीदवार नितिन नबीन सहित कई एनडीए नेता भी इसमें शामिल हुए, साथ ही पटना शहर से एनडीए के उम्मीदवार भी शामिल हुए।