क्या प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में बढ़ते बाढ़ के खतरे की समीक्षा की?

सारांश
Key Takeaways
- गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने समीक्षा बैठक की और कार्रवाई की योजना बनाई।
- राहत शिविरों में प्रभावितों को सहायता दी जा रही है।
- एनडीआरएफ को तैनात किया गया है।
- स्थानीय प्रशासन सक्रिय रूप से स्थिति को संभाल रहा है।
वाराणसी, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बाढ़ की स्थिति की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाए।
गंगा नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है, जिससे वाराणसी के निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शुक्रवार को गंगा का जलस्तर 70.28 मीटर तक पहुँच गया और यह हर घंटे चार सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने डिविजनल कमिश्नर और जिलाधिकारी से संवाद कर बाढ़ की ताजा स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी ली और पूछा कि प्रशासन ने किन-किन कदमों को उठाया है।
उन्होंने यह भी जाना कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों की स्थिति कैसी है और अन्य स्थानों पर शरण लिए लोगों को कैसे सहायता पहुँचाई जा रही है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से कहा, "बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति को समय पर सहायता और आवश्यक सुविधाएँ मिलनी चाहिए।"
इस समय जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर चल रहा है और यदि यह ऐसे ही जारी रहा तो जल्द ही खतरे के निशान को पार कर सकता है।
केंद्रीय जल आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, वाराणसी में गंगा का चेतावनी स्तर 70.262 मीटर है, जबकि खतरे का स्तर 71.262 मीटर है, और उच्च बाढ़ स्तर 73.901 मीटर पर है।
बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
जिलाधिकारी ने कहा, "पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ा है। बाढ़ का पानी अब निचले इलाकों में घुसने लगा है, जिससे स्थानीय निवासियों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।"
प्रशासन की ओर से राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। नावों और मोटरबोट्स के जरिए जरूरतमंदों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा रहा है।