क्या मोदी सरकार ने अंडमान-निकोबार वक्फ बोर्ड को 240 प्रतिशत अधिक फंड दिया?

सारांश
Key Takeaways
- मोदी सरकार ने अंडमान-निकोबार वक्फ बोर्ड को 240% अधिक फंड दिया।
- कांग्रेस सरकार के मुकाबले, मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड की वित्तीय सहायता को कई गुना बढ़ाया।
- यह फंड अल्पसंख्यक संस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से यह खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार ने अंडमान और निकोबार वक्फ बोर्ड को कांग्रेस सरकार की तुलना में 240 प्रतिशत अधिक अनुदान प्रदान किए हैं। यह दावा पुणे के व्यवसायी और आरटीआई कार्यकर्ता प्रफुल्ल सारडा ने किया है।
प्रफुल्ल सारडा द्वारा दायर आरटीआई के अनुसार, 2004–2014 (कांग्रेस/यूपीए सरकार) के दौरान, कुल 21,29,000 रुपए का फंड दिया गया, जो औसतन लगभग 2 लाख रुपए प्रति वर्ष है।
जबकि 2014–2024 (भाजपा/एनडीए सरकार) के अंतर्गत, 51,20,347 रुपए का फंड जारी हुआ, जो औसतन 5 लाख रुपए प्रति वर्ष होता है। इस प्रकार, मोदी सरकार के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड को मिलने वाले वार्षिक फंड में 240 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
प्रफुल्ल सारडा ने कहा, "ये आंकड़े दिखाते हैं कि मोदी सरकार ने 'सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास' के नारे को शब्दों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे वास्तविकता में बदला है। जहाँ कांग्रेस सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित रही, वहीं मोदी सरकार ने आर्थिक सहायता भी प्रदान की।"
सारडा के अनुसार, कांग्रेस (2004–2014) ने बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन आवंटन नगण्य रहा। वहीं, मोदी सरकार (2014–2024) ने वक्फ बोर्ड को कई गुना अधिक आर्थिक सहयोग दिया।
इस बढ़े हुए फंड से अंडमान-निकोबार जैसे दूरदराज क्षेत्रों में स्थित अल्पसंख्यक संस्थाओं को बड़ी राहत मिली है। सारडा का कहना है कि यह केवल एक आर्थिक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह नए भारत में अल्पसंख्यकों के प्रति बदले हुए दृष्टिकोण और बढ़ती सहायता का सबूत है।
यह खुलासा प्रफुल्ल सारडा की उन आरटीआई श्रृंखलाओं का हिस्सा है, जिनके माध्यम से वे समय-समय पर सरकारों की नीतियों और कार्यों का विश्लेषण कर जनता के सामने सच्चाई लाने का कार्य करते हैं।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने केवल बयान दिए, मोदी सरकार ने फंड प्रदान किया। आरटीआई इसका पक्का सबूत है कि आज अल्पसंख्यकों और केंद्र शासित प्रदेशों की आवश्यकताओं को गंभीरता से लिया जा रहा है।"