क्या पंजाब के डीजीपी और 3 आईएएस अधिकारियों पर मोडिफाइड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई के लिए 2 लाख का जुर्माना लगा?

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क्या पंजाब के डीजीपी और 3 आईएएस अधिकारियों पर मोडिफाइड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई के लिए 2 लाख का जुर्माना लगा?

सारांश

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मोडिफाइड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई बरतने पर पंजाब के डीजीपी और तीन आईएएस अधिकारियों पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जानिए इस महत्वपूर्ण मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • पंजाब के डीजीपी और तीन आईएएस अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है।
  • अदालत ने सख्त कार्रवाई की है।
  • मोडिफाइड वाहनों के खिलाफ नियमित कार्रवाई की आवश्यकता है।

चंडीगढ़, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब में मोडिफाइड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही बरतने के मामले में सख्त कदम उठाया है। अदालत ने पंजाब के डीजीपी गौरव यादव और तीन आईएएस अधिकारियों—प्रदीप कुमार, जितेंद्र जोरवाल और मनीष कुमार पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

अदालत ने कहा कि यह जुर्माना अधिकारियों के वेतन से काटकर पंजाब मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया जाए। इससे पहले भी इन अधिकारियों पर 1 लाख का जुर्माना लगाया गया था, लेकिन अदालत के आदेशों का उचित पालन नहीं किया गया।

यह मामला मोडिफाई किए गए वाहनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न करने से संबंधित है। अदालत ने पहले ही निर्देश दिया था कि ऐसे वाहनों के खिलाफ नियमित रूप से चालान जारी किए जाएं और रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, लेकिन अधिकारियों ने अदालत के आदेशों का लगातार उल्लंघन किया।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि संबंधित अधिकारी जानबूझकर अदालत के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं और न्यायिक प्रक्रिया के साथ धोखाधड़ी जैसा व्यवहार कर रहे हैं। अदालत ने उन अधिकारियों द्वारा दायर याचिकाओं को भी खारिज कर दिया, जिनमें उन्होंने जुर्माने और पूर्व आदेशों को संशोधित करने की मांग की थी।

कोर्ट ने कहा कि इन अधिकारियों ने अनुपालन रिपोर्ट की जगह दो आवेदन दाखिल कर केवल समय बर्बाद करने की कोशिश की है। अदालत ने कहा कि यह रवैया गंभीर गैर-जिम्मेदारी और न्यायालय के प्रति असम्मान को दर्शाता है।

वर्ष 2023 में 'शहीद भगत सिंह मिनी ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन पंजाब बनाम पंजाब राज्य' मामले में अदालत ने आदेश दिया था कि मोडिफाइड वाहनों के खिलाफ नियमित कार्रवाई होनी चाहिए। अदालत ने पाया कि कई महीनों तक ऐसे वाहनों के खिलाफ न तो कोई अभियान चलाया गया और न ही चालान जारी किए गए।

बार-बार निर्देशों के बावजूद व्यापक अनुपालन रिपोर्ट पेश नहीं की गई और जो रिपोर्टें प्रस्तुत की गईं, उनमें परस्पर विरोधाभास पाया गया।

अब अदालत ने आदेश दिया है कि सभी अधिकारी व्यक्तिगत रूप से अपनी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें और पहले लगाए गए 1 लाख रुपए के जुर्माने के साथ-साथ नए 2 लाख रुपए के जुर्माने की राशि भी वेतन से काटकर जमा करें।

अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी, जिसमें अदालत इन अधिकारियों की वास्तविक अनुपालन स्थिति की समीक्षा करेगी।

Point of View

ताकि कानून का शासन स्थापित हो सके। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई आवश्यक है, ताकि सामाजिक अनुशासन बना रहे।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

यह जुर्माना क्यों लगाया गया है?
यह जुर्माना मोडिफाइड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में अधिकारियों की लापरवाही के कारण लगाया गया है।
अगली सुनवाई कब होगी?
अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।
जुर्माना किस प्रकार से जमा किया जाएगा?
जुर्माना अधिकारियों के वेतन से काटकर पंजाब मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया जाएगा।