क्या मंगोलिया के राजदूत डंबजाव ने पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद जताई?
सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएँ।
- मंगोलिया और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों का महत्व।
- मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों का प्रभाव।
- मंगोलिया में भारतीय व्यापारियों के लिए अवसर।
- भारत और मंगोलिया के बीच व्यापार मंच का आयोजन।
नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मंगोलिया के राजदूत गनबोल्ड डंबजाव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत शीघ्र ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और आगे भी कई सफलताएं प्राप्त करेगा।
गनबोल्ड डंबजाव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मैं मंगोलिया की जनता की तरफ से भी प्रधानमंत्री मोदी को हार्दिक बधाई देता हूं। मुझे विशेष खुशी है कि हमने अपनी माताओं के नाम पर वृक्षारोपण करके उनका जन्मदिन मनाया। गुरुवार सुबह मुझे अपनी मां के नाम पर एक वृक्षारोपण का सौभाग्य मिला।
उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी की उल्लेखनीय उपलब्धियों के कारण वे दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक बन गए हैं। उन्होंने भारतीयों के जीवन स्तर में सुधार के लिए 37 से ज्यादा पहल शुरू की हैं। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और जीएसटी सुधार जैसे कार्यक्रमों ने भारतीय लोगों और व्यवसायों के लिए नए अवसरों का सृजन किया है।
मंगोलिया के राजदूत ने कहा कि इन उपलब्धियों के आधार पर दुनिया पीएम मोदी को एक वैश्विक नेता के रूप में पहचानती है। मुझे विश्वास है कि उनकी दूरदर्शिता के साथ भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और और भी सफलताएं प्राप्त करेगा।
डंबजाव ने खुशी जताते हुए कहा कि हम मंगोलिया और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, हालांकि हमारे द्विपक्षीय संबंध कई शताब्दियों से चले आ रहे हैं। दोनों देशों की समृद्ध विरासत और इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 की ऐतिहासिक यात्रा ने हमारे संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुंचाया है, जिससे हमारे संबंधों को और मजबूत और गहन बनाने के अवसर मिले हैं। हमारा सहयोग अब राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि रक्षा, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा और आईटी क्षेत्र में भी फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि सहयोग के सभी द्वार खुले हैं। हम अपने द्विपक्षीय संबंधों और लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों में वृद्धि को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। अधिकांश मंगोलों के लिए, भारत बुद्ध की भूमि है और कई मंगोल तीर्थयात्राओं के लिए भारत आते हैं। इसके अलावा, बड़ी संख्या में मंगोल छात्र छात्रवृत्ति पर भारत में पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे हमारे लोगों के बीच संबंध और भी मजबूत होते हैं। अर्थव्यवस्था के लिए इसके महत्व को देखते हुए मुझे खुशी है कि हमारी अग्रणी परियोजना, तेल रिफाइनरी, अब विकास और निर्माण के अधीन है।
उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि मंगोलिया भारतीयों के लिए अगले प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनेगा। मुझे उम्मीद है कि मंगोलिया और भारत के बीच सीधी उड़ानें जल्द ही शुरू होंगी। यात्रा में लगभग 5 घंटे लगेंगे, जिससे यह बहुत सुविधाजनक होगी। मेरा मानना है कि मंगोलिया प्राकृतिक खनिजों से समृद्ध है और मुझे विश्वास है कि खनिज क्षेत्र में लगे भारतीय व्यापारियों को मंगोलिया में आकर्षक अवसर मिलेंगे।
डंबजाव ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारतीयों के लिए आवश्यक वस्तुओं के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर भारत को और अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बना रहे हैं। मैं मंगोलियाई पक्ष की ओर से भारतीय वस्तुओं जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, मशीनरी, कपड़ा उत्पाद और कई अन्य वस्तुओं से जुड़े अवसरों में हमारी रुचि व्यक्त करता हूं, जो हमारे द्विपक्षीय व्यापार को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। हम इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए उत्सुक हैं। आने वाले महीने में इन संबंधों को मजबूत करने के लिए मंगोलिया और भारत के चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के बीच एक व्यापार मंच का आयोजन किया जाएगा।