क्या बिहार के मोतिहारी में पुलिस ने दो लुटेरों को सरेंडर कराया?

सारांश
Key Takeaways
- पुलिस और ग्रामीणों की एकता ने लुटेरों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- लुटेरों ने 5.35 लाख रुपये की लूट की थी।
- पुलिस ने तीन घंटे तक लुटेरों की तलाश की।
- स्थानीय समुदाय ने पुलिस की तत्परता की सराहना की।
- पुलिस की कार्रवाई से क्षेत्र में बढ़ते अपराध पर सवाल उठते हैं।
मोतिहारी, २६ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात पुलिस और ग्रामीणों ने तीन घंटे की कड़ी मेहनत के बाद एक ईख के खेत में छिपे दो लुटेरों को सरेंडर कराया। इस घटना के दौरान लुटेरों ने ५.३५ लाख रुपए लूटकर भागने की कोशिश की थी, लेकिन ग्रामीणों और पुलिस की बहादुरी ने उन्हें घेरकर आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया।
लुटेरों ने खेत से फायरिंग करके दहशत फैलाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों के साहस और पुलिस के दबाव ने अंततः उन्हें हथियार डालने पर मजबूर कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीएसपी संचालक सुनील कुशवाहा ५.३५ लाख रुपए लेकर अपने केंद्र की ओर जा रहे थे। रास्ते में बंधु बरवा और पखनहिया मार्ग पर दो बाइक सवार लुटेरों ने उनसे पैसे छीन लिए और भाग गए। जब सुनील ने शोर मचाया, तो ग्रामीण इकट्ठा हो गए और लुटेरों को घेरने की कोशिश की। खुद को चारों तरफ से घिरते देख लुटेरों ने एक ईख के खेत में छिपने का प्रयास किया। इस बीच, पुलिस को सूचना मिली और वे मौके पर पहुंच गए।
मोतिहारी पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया कि यह घटना शुक्रवार देर शाम की है। पुलिस ने तीन घंटे तक गन्ने के खेतों में तलाशी ली। अंततः, पुलिस की सूझबूझ और दबाव के चलते लुटेरों ने आत्मसमर्पण कर दिया। लुटेरों ने खेत से बाहर निकलकर मौके पर मौजूद पुलिस टीम के सामने अपने हथियार फेंक दिए। इसके बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया और भीड़ से बचाते हुए थाने ले गई।
इस कार्रवाई के बाद ग्रामीणों ने पुलिस की तत्परता की सराहना की, लेकिन साथ ही क्षेत्र में बढ़ते अपराध पर चिंता भी जताई। पुलिस दोनों लुटेरों से पूछताछ कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं इस लूटकांड के पीछे कोई और बड़ा गिरोह तो नहीं है।
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने आगे बताया कि पुलिस और ग्रामीण को निडरता और सूझबूझ के लिए जिला स्तर से सम्मानित किया जाएगा।