क्या मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी पदोन्नति? 2 लाख पद भी होंगे खाली

सारांश
Key Takeaways
- 9 वर्षों से लंबित पदोन्नति का समाधान किया गया।
- 2 लाख पद रिक्त होंगे।
- अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण।
- आंगनवाड़ी 2.0 के तहत नई आंगनवाड़ी की स्थापना।
- पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर होगी।
भोपाल, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने कैबिनेट की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार, 9 वर्षों से लंबित पदोन्नति के मामलों का निपटारा किया गया है। पदोन्नति के बाद 2 लाख पद रिक्त होंगे, जिन्हें भरने की तैयारी भी की जा रही है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस कैबिनेट बैठक में लगभग साढ़े चार लाख कर्मचारियों के हित में यह बड़ा फैसला किया गया।
सीएम मोहन यादव ने जानकारी दी कि कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों-अधिकारियों की 9 वर्ष से लंबित पदोन्नति के मामलों का समाधान किया गया। इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति सहित सभी वर्गों के कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा गया है। पदोन्नति के बाद सरकारी सेवाओं में 2 लाख पद रिक्त होंगे और इन पर नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
कैबिनेट में प्रमोशन नीति को मंजूरी दी गई है, जिसमें अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण रहेगा। वरिष्ठता के आधार पर मेरिट के अनुसार पदोन्नति दी जाएगी। इसके साथ ही अग्रिम डीपीसी का प्रावधान किया गया और पदोन्नति समिति को यह अधिकार दिया गया कि छह महीने की चरित्रावली को सालभर माना जाएगा।
राज्य में बीते 9 वर्षों से, यानी 2016 से पदोन्नति प्रक्रिया रुकी हुई थी, क्योंकि पदोन्नति में आरक्षण का मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित था। अब सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों की लंबित मांग पूरी होगी।
कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि आंगनवाड़ी 2.0 के तहत 459 नवीन आंगनवाड़ी की स्थापना की जाएगी, इसके अतिरिक्त आंगनवाड़ी सहायिका और कार्यकर्ताओं की भर्ती भी की जाएगी।