क्या मृत्युंजय तिवारी ने रॉबर्ट वाड्रा के बयान का समर्थन किया?
सारांश
Key Takeaways
- आंदोलन धरातल पर दिखना चाहिए।
- लोगों में गुस्सा है।
- महात्मा गांधी के आंदोलन की याद दिलाई गई।
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए।
- बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात।
पटना, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली कड़ी हार के बाद, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के आंदोलन संबंधी बयान का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आंदोलन ऐसा होना चाहिए जो धरातल पर दिखे।
रॉबर्ट वाड्रा ने पटना में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों पर कहा कि ऐसी परिणामों की उम्मीद नहीं थी। लोगों में भारी गुस्सा है। मैं कभी नहीं चाहूंगा कि किसी भी तरह की हिंसा या झड़प हो। मैं कभी नहीं कहूंगा कि जेनरेशन जेड को इस तरह से सामने आना चाहिए, लेकिन लोग गुस्से में हैं। जहां भी उन्हें लगेगा कि चुनाव गलत तरीके से हारे गए हैं, वे जरूर सामने आएंगे, अपनी बात रखेंगे और विरोध के अपने तरीके चुनेंगे।
महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि भारत में आंदोलन होते रहे हैं। अंग्रेजों के खिलाफ महात्मा गांधी ने भी आंदोलन किया था। उन्होंने कहा कि यह भाईचारे को बचाने की लड़ाई है और यही बात रॉबर्ट वाड्रा कह रहे हैं।
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने वाड्रा के चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए गए सवाल पर कहा कि चुनाव को लेकर महागठबंधन के नेता जो बात कर रहे हैं, वही बात वाड्रा भी कर रहे हैं। उनकी बात बिल्कुल सही है।
सेना प्रमुख के बयान पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आतंकियों को पनाह देने वाले भी आतंकी हैं। दोनों एक जैसे ही दोषी हैं, कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने पीएम मोदी के पूर्व में दिए एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और पूरा देश यही कह रहा है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता। बिल्कुल सही बात है। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि अगर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं तो बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम उलट होंगे।