क्या घुसपैठियों को वैध मतदाता के रूप में देखना सही है? : मुख्तार अब्बास नकवी

सारांश
Key Takeaways
- घुसपैठियों को वैध मतदाता मानना गलत है।
- भारतीय नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है।
- राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सुरक्षा सुनिश्चित करे।
- आपातकाल का इतिहास भारतीय लोकतंत्र के लिए कलंक है।
- धर्मांतरण के मामले में कड़ी निगरानी आवश्यक है।
नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने बिहार मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों के नाम होने के दावों पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। नकवी ने कहा कि तेजस्वी का बयान पूरी तरह से गलत है और घुसपैठियों को वैध मतदाता के रूप में मानना अनुचित है।
सोमवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए नकवी ने कहा कि घुसपैठियों को वैध मतदाता के रूप में देखना या उनकी वैधता का समर्थन करना गलत है। उन्होंने तर्क किया कि ये घुसपैठिए, चाहे वे बांग्लादेश, म्यांमार या अन्य स्थानों से आए हों, भारतीय नागरिकों, विशेषकर वैध मुस्लिम नागरिकों के आर्थिक और शैक्षिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं। नकवी ने जोर देकर कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां नागरिकों के अधिकारों का अपहरण करती हैं और इन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि इस मुद्दे पर भ्रम फैलाना खतरनाक है और यह देश के हित में नहीं है।
नकवी ने इंडी अलायंस पर भी तंज करते हुए कहा कि जो भी दल, चाहे वो तेजस्वी यादव की पार्टी हो, कांग्रेस हो या कोई अन्य, अवैध मतदाता बन चुके घुसपैठियों को नजरअंदाज कर रहे हैं, वे सही नहीं हैं। ये घुसपैठिए वैध मतदाता बनकर भारत के नागरिकों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं। यदि कोई सबसे ज्यादा पीड़ित है, तो वो वैध मुसलमान हैं। इन घुसपैठियों का प्रभाव भारतीय मुसलमानों के आर्थिक और शैक्षिक अधिकारों पर पड़ रहा है।
आईआईएम कोलकाता में छात्रा के साथ बलात्कार मामले पर नकवी ने कहा कि किसी भी संस्था की सुरक्षा, चाहे वह केंद्र, राज्य, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय या निजी हो, राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। यदि इसे छिपाने का प्रयास किया गया, तो यह सही नहीं है।
ऑपरेशन कालनेमि पर उन्होंने कहा कि पैसे, धोखे या धमकी के माध्यम से धर्मांतरण को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। इस धंधे में शामिल लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई आवश्यक है।
आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के दस्तावेज़ सार्वजनिक होने की संभावना पर उन्होंने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर एक कलंक है। कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए अपराधों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
शुभांशु शुक्ला की भारत वापसी पर उन्होंने कहा कि यह भारत के लोगों के लिए गर्व का पल है।
बिहार की कानून व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि अपराध कहीं भी हो, वहां कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए।