क्या भारत में हिंदू बहुसंख्यक नहीं होते तो पंथनिरपेक्षता की कल्पना की जा सकती थी?

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क्या भारत में हिंदू बहुसंख्यक नहीं होते तो पंथनिरपेक्षता की कल्पना की जा सकती थी?

सारांश

मुख्तार अब्बास नकवी ने पंथनिरपेक्षता पर हिंदू बहुसंख्यकता के महत्व को रेखांकित किया है। उनका कहना है कि विविधता के बावजूद, भारत की संस्कृति हमें एकजुट रहने की प्रेरणा देती है। जानिए उनके विचार और राजनीतिक प्रतिकृतियों पर उनकी नजर।

Key Takeaways

  • पंथनिरपेक्षता की कल्पना हिंदू बहुसंख्यकता पर निर्भर है।
  • भारतीय संस्कृति की विविधता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
  • राजनीतिक मुद्दों पर प्रतिक्रिया देना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की 'हिंदू राष्ट्र' से संबंधित टिप्पणी का समर्थन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि यदि भारत में हिंदू बहुसंख्यक नहीं होते तो पंथनिरपेक्षता की कल्पना करना संभव नहीं होता।

मुख्तार अब्बास नकवी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह भारत की संस्कृति है कि यहां इतनी विविधता होने के बावजूद हम सब मिलकर काम करते हैं। भारत की सनातन संस्कृति का परिणाम है कि देश बहुसंख्यक हिंदू राष्ट्र होने के बावजूद पूरे विश्व में पंथ निरपेक्षता का ध्वज वाहक बना हुआ है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल में मंदिर बनवाने पर भाजपा नेता ने कहा, "ममता बनर्जी अपनी ही चालाकी के जाल में फंस रही हैं। पहले उन्होंने बाबरी मस्जिद का नाम उठाया, फिर उन्हें एहसास हुआ कि सिर्फ बाबर का नाम लेने से कुछ नहीं होगा, तो उन्होंने बात को संभालने की कोशिश की। अब उन्होंने मंदिरों का मुद्दा उठा दिया है। इस तरह ममता बनर्जी चतुराई के चक्रव्यूह में खुद उलझ रही हैं।"

बांग्लादेश के मुद्दे पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस मुल्क को जल्लादी और जिहादी जालिमों ने हाईजैक कर लिया है। बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह किसी भी देश के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस मामले को संवेदनशीलता के साथ देख रही है।

दिग्विजय सिंह को लेकर भाजपा नेता ने कहा, "कांग्रेस के नेता आरएसएस को कोसते हुए कोसी नदी के किनारे पहुंच चुके हैं। कांग्रेस का इतिहास रहा है कि जब-जब वह सत्ता से बाहर रही है, वह टूटी और बिखरी है। क्योंकि बिना सत्ता के कांग्रेस नहीं रह सकती है।"

मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अभी और हारना है। नकवी ने कहा, "राहुल गांधी और कांग्रेस के नेता जितना शोर मचाते हैं, जनता उनकी उतनी ही धुनाई करती है।"

Point of View

जिसे समझना आवश्यक है।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

मुख्तार अब्बास नकवी का यह बयान कब दिया गया?
यह बयान 29 दिसंबर को दिया गया था।
क्या इस बयान का राजनीतिक महत्व है?
हां, यह भारतीय राजनीति में पंथनिरपेक्षता और बहुसंख्यकता के मुद्दों पर चर्चा को प्रेरित करता है।
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