क्या मुख्तार अब्बास नकवी ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को दी नसीहत और क्रिकेटर के एक्शन पर जताई आपत्ति?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्तार अब्बास नकवी ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर नसीहत दी।
- साहिबजादा फरहान का विवादास्पद एक्शन चर्चा का विषय बना।
- नकवी ने जीएसटी 2.0 सुधारों की सराहना की है।
- भारत तेजी से चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
- आत्मनिर्भर भारत का संकल्प जारी है।
नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के प्रमुख नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने एशिया कप के सुपर 4 मुकाबले में पाकिस्तानी क्रिकेटर साहिबजादा फरहान के बल्ले से बंदूक चलाने वाले एक्शन पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी क्रिकेटर अपनी गलत हरकतों से बाज नहीं आ सकते। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण नसीहत भी दी।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भाजपा नेता ने कहा कि एक जानवर ऐसा होता है, जिसकी कितनी भी पिटाई हो, उसकी पूंछ सीधी नहीं होती। भले ही उसे एक बोतल में क्यों न बंद कर दिया जाए।
उन्होंने जीएसटी 2.0 सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वन नेशन वन टैक्स' के माध्यम से समाज के सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए आर्थिक सुधार किए हैं। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सुधार अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे, लेकिन विरोध करने वाले कभी भी सुधारों से सहमत नहीं होंगे, क्योंकि उनका मकसद सिर्फ सियासी प्रहार करना है।
नकवी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में अर्थव्यवस्था सही स्थिति में नहीं थी, लेकिन आज जब अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, तो विपक्ष सरकार को बदनाम करने में लगा हुआ है। भारत तेजी से चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
हम लोग स्वदेशी को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं। भारत जल्द ही तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा, लेकिन विपक्ष को यह सब बर्दाश्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि नवरात्रि का पर्व लोगों की आस्था से जुड़ा है। हर व्यक्ति को इसका सम्मान करना चाहिए। यदि कोई जिद करने लगे कि वहां बिरियानी का ठेला लगाएंगे, तो यह गलत है। ऐसी सोच के प्रति लोगों में नफरत पैदा करती है। हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर मुख्तार अब्बास नकवी ने पाकिस्तान को आतंकवाद की फैक्ट्री करार दिया।
उन्होंने कहा कि 'मेड इन इस्लामाबाद' दहशतगर्द दरिंदे हैं, जो इस्लाम के सिद्धांतों और इस्लामाबाद के अस्तित्व के दुश्मन हैं। पाकिस्तान को समझना चाहिए कि आतंकवादियों को पनाह देकर इस्लाम की सुरक्षा नहीं की जा सकती। दहशतगर्दी का उत्पादन इस्लाम के सिद्धांतों और इस्लामाबाद के अस्तित्व के खिलाफ है।