क्या मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कांवड़ शिविरों का जायजा लिया? 'सुरक्षा और सुविधा हमारी प्राथमिकता'

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कांवड़ शिविरों का निरीक्षण किया।
- इस बार 374 कांवड़ शिविर स्थापित किए गए हैं।
- कांवड़ियों को जूट बैग और गंगा जल की डोलची दी जाएगी।
- सुरक्षा और सुविधा पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- कांवड़ यात्रा एक पर्व है, जिसका स्वागत किया जा रहा है।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को पंजाबी बाग (अशोक पार्क), टैगोर गार्डन और सुब्रतो पार्क में स्थित कांवड़ शिविरों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कांवड़ियों की सुविधाओं का आंकलन किया और शिविर समितियों के पदाधिकारियों एवं कांवड़ियों से बातचीत की।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंदिरों में पूजा-अर्चना की और पुजारियों से आशीर्वाद लिया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि दिल्ली में पहली बार कांवड़ियों का भव्य स्वागत किया जा रहा है और उनकी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी घोषणा की कि दिल्ली सरकार लगभग पांच लाख कांवड़ियों को गंगा जल से भरी डोलची और पर्यावरण के अनुकूल जूट बैग उपलब्ध कराएगी। यह कदम पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। वितरण कार्य सोमवार से प्रारंभ होगा।
इसके अतिरिक्त, कांवड़ सेवा समितियों की सहायता राशि में वृद्धि का भी ऐलान किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “कांवड़ यात्रा एक पर्व है। जो कांवड़िये दिल्ली आते हैं, उनका स्वागत करना उनकी आस्था का सम्मान है। हमारी सरकार उनकी हर संभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने बताया कि सावन के इस माह में दिल्ली में एक उत्सव का माहौल है, जो पहले कभी नहीं देखा गया। दिल्ली सरकार ने कांवड़ियों के लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं। इस बार कुल 374 कांवड़ शिविर स्थापित किए गए हैं, जबकि पूर्व की सरकार में केवल 170 शिविर थे, जिनमें अनियमितताओं के आरोप भी लगे थे। इस बार सभी शिविरों में बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं, शौचालय और सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। दिल्ली के सभी बॉर्डर पर स्वागत द्वार बनाए गए हैं, ताकि कांवड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के मंत्री, विधायक और अधिकारी शिविरों में जाकर समितियों से निरंतर संपर्क में हैं, ताकि कांवड़ियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। दिल्ली सरकार ने 374 कांवड़ समितियों को अनुदान प्रदान किया है, जो शिवभक्तों की आस्था और जरूरतों का पूरा ध्यान रख रही हैं। यह सरकार की मेहनत और लगन का परिणाम है कि कांवड़ियों का स्वागत अभूतपूर्व तरीके से हो रहा है।