क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोवर्धन पूजा पर गौ माता का पूजन किया?

सारांश
Key Takeaways
- गोवर्धन पूजा का महत्व प्रकृति और पशुधन के प्रति सम्मान है।
- मुख्यमंत्री धामी ने गौ माता का पूजन किया।
- यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के संदेश को याद दिलाता है।
- मुख्यमंत्री ने गौशालाओं के रखरखाव के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
- स्थानीय लोगों ने इस पर्व को मनाने के लिए भाग लिया।
देहरादून, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोवर्धन पूजा के इस पवित्र मौके पर गौ माता का पूजन किया और उनकी सेवा का कार्य किया।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि यह पर्व भक्ति, प्रकृति संरक्षण और पशुधन के प्रति सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने प्रदेशवासियों के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की तथा सभी को गोवर्धन पूजा की दिल से शुभकामनाएं दी।
उनके अनुसार, गोवर्धन पूजा हमें भगवान श्रीकृष्ण के महत्वपूर्ण संदेश की याद दिलाती है। श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर प्रकृति की रक्षा का महत्व बताया था।
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर एक पोस्ट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई, मसूर धार वारि वर्षाई॥ लगत-लगत ब्रज चहन बहायो, गोवर्धन नखधारि बचायो॥”
उन्होंने आगे कहा, “इस पावन पर्व पर गौ माता का पूजन कर उनकी सेवा की। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत के पूजन एवं धारण लीला के माध्यम से यह संदेश दिया कि प्रकृति की रक्षा ही असली भक्ति है। मैं प्रभु श्री कृष्ण से प्रार्थना करता हूं कि यह पर्व आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए।”
उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर गाय की सेवा करते हुए कुछ तस्वीरें भी साझा की, जिनमें वे गायों को हरा चारा खिलाते हुए दिखाई दिए। मुख्यमंत्री ने गौशाला में गायों की देखभाल की और गौशालाओं के रखरखाव एवं पशुधन के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि गोवर्धन पूजा के दिन लोग अपने घरों में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाते हैं और अन्नकूट का प्रसाद बांटते हैं। यह पर्व प्रकृति और पशुधन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सुनहरा अवसर है। इस अवसर पर कई स्थानीय लोग और अधिकारी भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सभी से मिलकर शुभकामनाएं स्वीकार कीं और प्रदेश की खुशहाली के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।