क्या मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वडनगर में ताना-रीरी महोत्सव का शुभारंभ किया?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने ताना-रीरी महोत्सव का शुभारंभ किया।
- भारतीय संगीत की धरोहर का संरक्षण आवश्यक है।
- कलापिनी कोमकली को सम्मानित किया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी की विरासत पर चर्चा हुई।
- वडनगर का विकास और सांस्कृतिक महत्व बढ़ाया जा रहा है।
गांधीनगर, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वडनगर में 2000 वर्षों की भारतीय संस्कृति के इतिहास को संजोए ताना-रीरी महोत्सव 2025 का शुभारंभ किया। यह महोत्सव हर साल खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के विभाग के तहत गुजरात राज्य संगीत नाटक अकादमी-गांधीनगर और मेहसाणा जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित किया जाता है। शनिवार को महोत्सव के उद्घाटन पर, मुख्यमंत्री ने सुप्रसिद्ध गायिका कलापिनी कोमकली को प्रतिष्ठित ताना-रीरी संगीत सम्मान अवॉर्ड से सम्मानित किया।
सीएम भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर कहा कि वडनगर की भूमि में कुछ ऐसा तत्व है, जो अनादिकाल से समर्पण और सेवा साधना का प्रतीक रहा है। उन्होंने ताना-रीरी महोत्सव को भारतीय संगीत कला की अनमोल धरोहर का उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सेवा साधना के माध्यम से देश और दुनिया के समक्ष एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस कला और स्थापत्य की नगरी के इतिहास को पुनर्जीवित करने के लिए कई सफल कदम उठाए हैं। पटेल ने कहा कि जहां प्रधानमंत्री ने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की, उसे प्रेरणा स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। साथ ही, जिस रेलवे स्टेशन पर उन्होंने अपने बचपन में परिश्रम किया, उसे भी आधुनिक रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, वडनगर में एक अत्याधुनिक आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम का निर्माण हो रहा है।
स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत वडनगर में हुए विकास की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत शर्मिष्ठा तालाब, ताना-रीरी पार्क, लटेरी वाव, अंबाजी कोठा तालाब और फोर्ट वॉल का विकास किया जा रहा है। पौराणिक हाटकेश्वर मंदिर का इतिहास जानने के लिए लाइट एंड साउंड शो का आयोजन भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने भारतीय संगीत विरासत की समृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि आज म्यूजिक थेरेपी का उपयोग रोगों के उपचार के लिए भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस धरोहर के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया है।
वर्ष 2047 में विकसित भारत के निर्माण के लिए कला-संस्कृति को जोड़ते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की इच्छा है कि हमारी स्वदेशी कला-संस्कृति का संरक्षण हो और आने वाली पीढ़ी को भी इस धरोहर का महत्व समझ में आए। उन्होंने सभी को आह्वान किया कि वडनगर की पवित्र भूमि से इस कला-संस्कृति के संरक्षण के लिए कटिबद्ध रहें।
संगीत समारोह में कलापिनी कोमकली, प्रसिद्ध सितार वादक निलाद्री कुमार, और गायिका ईशानी दवे ने शास्त्रीय गायन, शास्त्रीय वादन, और लोक गीतों की सुमधुर प्रस्तुति से वडनगर को संगीतमय बना दिया।
भक्त कवि नरसिंह मेहता की दोहित्री शर्मिष्ठा की सुपुत्रियों ताना तथा रीरी ने मल्हार राग गाकर संगीत सम्राट तानसेन के दीपक राग से उत्पन्न हुए दाह को शांत किया था। उनकी स्मृति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2003 में ताना-रीरी महोत्सव और वर्ष 2010 में ताना-रीरी संगीत सम्मान अवॉर्ड की शुरुआत की गई थी।
ताना-रीरी महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर कैबिनेट मंत्री जीतूभाई वाघाणी, ऋषिकेश पटेल, सामाजिक अग्रणी सोमाभाई मोदी, जिला पंचायत अध्यक्ष तृषाबेन पटेल, विधायक के. के. पटेल, सरदारभाई चौधरी, सुखाजी ठाकोर, राजेंद्र चावडा, वडनगर नगर पालिका अध्यक्ष मितिका शाह, गुजरात राज्य संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष आलोक कुमार पांडे, जिला कलेक्टर एसके प्रजापति, जिला विकास अधिकारी डॉ. हसरत जैस्मीन, और अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने सुमधुर संगीत का आनंद उठाया।