क्या मुलुगु में मुख्य मेले से पहले भक्तों का सैलाब मेदाराम मंदिर में उमड़ पड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा व्यवस्था के तहत 200 पुलिसकर्मियों की तैनाती।
- दूर-दूर से श्रद्धालुओं का मंदिर में आना।
- भीड़ प्रबंधन की प्रभावी योजना।
- ट्रैफिक प्रबंधन के लिए विशेष उपाय।
- सुरक्षित और व्यवस्थित दर्शन का अनुभव।
मुलुगु, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के मुलुगु जिले के प्रसिद्ध मेदाराम सम्मक्का-सारलम्मा मंदिर में मुख्य त्योहार से लगभग एक महीने पहले ही रविवार को श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या देखने को मिली। दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए पहुंचे, जिससे मंदिर परिसर और उसके आस-पास का क्षेत्र भक्तिमय माहौल में गोताखोर हो गया।
भीड़ को देखकर मुलुगु जिला प्रशासन पहले से ही सावधानी बरत रहा था। श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए पुलिस अधीक्षक सुधीर रामनाथ केकन की निगरानी में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए। मंदिर परिसर, प्रवेश मार्ग और आसपास के संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस तैनात की गई, ताकि सब कुछ नियंत्रण में रहे।
मुलुगु जिला पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी की ओर से जारी प्रेस नोट में उल्लेख किया गया कि मंदिर और उसके आसपास लगभग 200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। सुरक्षा व्यवस्था में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सहायक पुलिस अधीक्षक, और सभी सर्किल इंस्पेक्टर सक्रिय रूप से ड्यूटी पर मौजूद रहे।
प्रेस नोट में यह भी बताया गया कि वर्तमान में मंदिर परिसर में निर्माण और नवीनीकरण का कार्य चल रहा है। इसके बावजूद, पुलिस ने भीड़ प्रबंधन को प्रभावी तरीके से संभाला। दर्शन की कतारों को व्यवस्थित रखा गया, जिससे किसी भी प्रकार की अफरा-तफरी की स्थिति नहीं बनी।
एसपी सुधीर रामनाथ केकन ने मंदिर क्षेत्र में विशेष ट्रैफिक प्रबंधन योजना लागू करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत वाहनों की आवाजाही को विभिन्न मार्गों से नियंत्रित किया गया। पार्किंग की उचित व्यवस्था की गई, जिससे श्रद्धालुओं को आने-जाने में कोई कठिनाई नहीं हुई। पुलिसकर्मी निरंतर मौके पर रहकर स्थिति पर नजर रखते थे।
पूरे दिन पुलिस प्रशासन सतर्क रहा और हर स्तर पर निगरानी रखी। मुलुगु जिला पुलिस की तत्परता का परिणाम यह रहा कि श्रद्धालुओं ने सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से माता के दर्शन किए।