क्या मुंबई क्राइम ब्रांच ने राजेंद्र लोढ़ा को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- राजेंद्र लोढ़ा की गिरफ्तारी ने रियल एस्टेट सेक्टर में हड़कंप मचाया।
- कंपनी द्वारा दर्ज की गई शिकायत में 85 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है।
- पुलिस अन्य सहयोगियों की तलाश कर रही है।
- यह मामला पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है।
- निवेशक कंपनी के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
मुंबई, १७ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल ने रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी लोढ़ा डेवलपर्स के पूर्व निदेशक राजेंद्र एन. लोढ़ा को धोखाधड़ी के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया है।
५७ वर्षीय लोढ़ा को वर्ली क्षेत्र से हिरासत में लिया गया, जहां उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने उन्हें २३ सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। यह गिरफ्तारी कंपनी द्वारा दायर की गई शिकायत पर आधारित है, जिसमें लगभग ८५ करोड़ रुपए की वित्तीय हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।
लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड ने अपने पूर्व निदेशक राजेंद्र नरपतमल लोढ़ा, उनके बेटे साहिल लोढ़ा और कई सहयोगियों पर धोखाधड़ी, गबन तथा विश्वासघात के आरोप लगाए हैं। पुलिस के अनुसार, राजेंद्र लोढ़ा को कंपनी की ओर से केवल भूमि अधिग्रहण का अधिकार दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कंपनी की स्वामित्व वाली संपत्तियों की अनधिकृत बिक्री की। इसके अलावा, भूमि सौदों का कम मूल्यांकन कर कंपनी को नुकसान पहुंचाया गया और अवैध हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) लेनदेन में भी उनकी संलिप्तता पाई गई।
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि राजेंद्र लोढ़ा ने कंपनी के विश्वास को तोड़ा है। उन्होंने अनधिकृत तरीके से संपत्तियां बेचीं और टीडीआर के माध्यम से करोड़ों रुपए का गबन किया। जांच में और सहयोगियों की भूमिका सामने आ रही है। हम पूछताछ के दौरान पूरी सच्चाई उजागर करेंगे। अधिकारी ने बताया कि यह मामला रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है और पुलिस अन्य संभावित धोखाधड़ी की पड़ताल कर रही है।
पुलिस ने अन्य सहयोगियों की तलाश तेज कर दी है और जांच में नए खुलासे होने की संभावना है। इस गिरफ्तारी से मुंबई के रियल एस्टेट बाजार में हलचल मच गई है। निवेशक और शेयरधारक कंपनी के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।