क्या मुंबई में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स और कुवैत के बीच एमओयू साइन हुआ?

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क्या मुंबई में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स और कुवैत के बीच एमओयू साइन हुआ?

सारांश

मुंबई में इंडिया और कुवैत के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू व्यापार, संस्कृति और वित्तीय संबंधों को सशक्त बनाएगा। जानिए इस समझौते के पीछे का महत्व और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • भारत और कुवैत के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर।
  • समझौता संस्कृति और वित्तीय संबंधों को भी प्रोत्साहित करेगा।
  • इंडियन बिजनेस एंड प्रोफेशनल काउंसिल का महत्वपूर्ण योगदान।

मुंबई, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और कुवैत के व्यापारिक रिश्तों को सशक्त बनाने के लिए शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) और कुवैत के गल्फ कंसल्ट के प्रतिनिधिमंडल के बीच मुंबई में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू दोनों देशों के बीच व्यापार, संस्कृति और वित्तीय संबंधों को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।

गल्फ कंसल्ट के निदेशक और सीएफओ कैसर शाकिर ने इस एमओयू को गर्व का क्षण बताया। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "हम इंडियन बिजनेस एंड प्रोफेशनल काउंसिल कुवैत का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम भारत और कुवैत के बीच व्यापार, संस्कृति और वित्तीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करना हमारे लिए सम्मान की बात है। यह एमओयू दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और व्यापार को मजबूत करेगा।"

उन्होंने आगे कहा, "हम दोनों संगठन, चैंबर ऑफ कॉमर्स और कुवैत आईबीपीसी, का एक ही मिशन है। दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना, संस्कृति का प्रचार करना और व्यवसायिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना। यह एमओयू हमें विचारों का आदान-प्रदान करने, आईसीसी के प्रतिनिधिमंडलों और भारतीय कंपनियों को कुवैत आमंत्रित करने में मदद करेगा।"

शाकिर ने भारत-कुवैत संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "कुवैत में भारतीय समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान है। कुवैत ने हमेशा भारतीय प्रतिभा का स्वागत किया है।"

इंडियन बिजनेस एंड प्रोफेशनल काउंसिल कुवैत (आईबीपीसी) की स्थापना 2001 में भारत के कुवैत राजदूत के संरक्षण में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य कुवैत और भारत के बीच व्यापार, निवेश और व्यवसायिक सहयोग को बढ़ावा देना है।

यह एक गैर-लाभकारी, गैर-व्यावसायिक और स्वैच्छिक संगठन है, जिसमें कुवैत में रहने वाले भारतीय प्रवासी समुदाय के प्रमुख सदस्य शामिल हैं। आईबीपीसी ने पिछले कई वर्षों में भारत की प्रमुख चैंबर्स जैसे फिक्की और सीआईआई तथा कुवैत चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के बीच संस्थागत संबंध स्थापित किए हैं। इसके अलावा, संगठन ने विभिन्न भारतीय कंपनियों और कुवैती व्यवसायियों तथा कंपनियों के बीच सीधे संपर्क बनाए हैं।

Point of View

यह समझौता भारत और कुवैत के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए भी नए द्वार खुलेंगे। यह कदम दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाएगा।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या यह एमओयू केवल व्यापार के लिए है?
नहीं, यह एमओयू व्यापार के साथ-साथ संस्कृति और वित्तीय संबंधों को भी बढ़ावा देने के लिए है।
इस समझौते से भारतीय कंपनियों को क्या लाभ होगा?
इस समझौते से भारतीय कंपनियों को कुवैत में व्यापार करने के नए अवसर मिलेंगे और उन्हें कुवैत की बाजार में प्रवेश करने में मदद मिलेगी।
क्या यह समझौता दीर्घकालिक है?
हाँ, यह समझौता दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक सहयोग को सुनिश्चित करने के लिए है।