क्या मुंबई में व्यवसायी से 58 करोड़ की ठगी करने वाले जालसाज पकड़े गए?

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क्या मुंबई में व्यवसायी से 58 करोड़ की ठगी करने वाले जालसाज पकड़े गए?

सारांश

मुंबई में एक व्यवसायी से 58 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। यह घटना सीबीआई और ईडी के अधिकारियों के रूप में पहचान बनाकर हुई थी। यह मामला साइबर अपराध के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाता है।

Key Takeaways

  • साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।
  • जालसाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
  • बुजुर्ग व्यवसायियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • फाइनेंशियल लेनदेन का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना चाहिए।
  • डिजिटल पहचान के प्रति सतर्क रहना जरूरी है।

मुंबई, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में साइबर अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जालसाजों ने खुद को सीबीआई और ईडी के अधिकारी बताकर एक 72 वर्षीय व्यवसायी से 58 करोड़ रुपए की ठगी की। इस मामले में महाराष्ट्र साइबर विभाग ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

साइबर अधिकारियों के अनुसार, यह ठगी 19 अगस्त से 8 अक्टूबर के बीच हुई। जालसाजों ने पीड़ित व्यवसायी और उनकी पत्नी से संपर्क कर दावा किया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सामने आया है। इसके बाद आरोपियों ने वीडियो कॉल के जरिए दोनों को डिजिटल अरेस्ट कर लिया और उनसे पैसे वसूलने लगे।

अधिकारियों के मुताबिक, आरोपियों ने पीड़ित को भरोसा दिलाया कि अगर वह जांच में सहयोग करते हुए उनकी बताई प्रक्रिया का पालन करेंगे, तो उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। इसी डर और भ्रम में आकर व्यवसायी ने करीब दो महीनों के भीतर आरटीजीएस के माध्यम से 58 करोड़ रुपए विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब पीड़ित को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हो चुकी है, तो उन्होंने तुरंत महाराष्ट्र साइबर पुलिस से शिकायत दर्ज कराई।

साइबर विभाग के अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान वित्तीय लेनदेन का विश्लेषण किया गया, जिसमें पता चला कि ठगी की रकम कम से कम 18 बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। पुलिस ने संबंधित बैंकों से तुरंत संपर्क कर इन खातों को ‘फ्रीज’ करने का अनुरोध किया ताकि रकम को आगे ट्रांसफर न किया जा सके।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

जांच के दौरान पुलिस ने अब्दुल खुल्ली (47), अर्जुन कड़वासरा (55) और जेठाराम (35) को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये आरोपी एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जो देशभर में बुजुर्ग व्यवसायियों और उच्च आय वर्ग के लोगों को निशाना बनाकर ठगी कर रहे थे।

Point of View

NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

इस ठगी में कितने पैसे ट्रांसफर किए गए?
इस ठगी में कुल 58 करोड़ रुपए का ट्रांसफर किया गया।
जालसाजों ने व्यवसायी से कैसे संपर्क किया?
जालसाजों ने खुद को सीबीआई और ईडी के अधिकारी बताकर संपर्क किया।
पुलिस ने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया?
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
क्या ठगी के पैसे को रोका गया?
हाँ, पुलिस ने संबंधित बैंकों से संपर्क कर ठगी के पैसे को 'फ्रीज' किया।
क्या इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई हुई?
हाँ, इस मामले में भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।