क्या भारतीय सेना श्रीलंका में चक्रवात से प्रभावित पुलों और सड़कों को दोबारा बना रही है?
सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन 'सागर बंधु' के तहत राहत कार्य जारी है।
- 48 सदस्यीय इंजीनियर टास्क फोर्स श्रीलंका में तैनात है।
- सड़कों और पुलों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है।
- भारतीय सेना का यह प्रयास मानवीय सहयोग का प्रतीक है।
- चक्रवात दितवाह के प्रभाव को कम करने के लिए त्वरित सहायता प्रदान की जा रही है।
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। विनाशकारी चक्रवात दितवाह से प्रभावित श्रीलंका के निवासियों को त्वरित मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत ने ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत भारतीय सेना की एक 48 सदस्यीय इंजीनियर टास्क फोर्स श्रीलंका में तैनात की गई है।
भारतीय सेना की यह विशेष टीम युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य कर रही है। यह पहल भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के अनुरूप है। भारतीय सेना के अनुसार, इस टास्क फोर्स की मुख्य जिम्मेदारी चक्रवात से नष्ट हुई सड़कों और पुलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण करना है।
गौरतलब है कि चक्रवात, तेज बारिश और बाढ़ के कारण कई क्षेत्रों में सड़क संपर्क बाधित हो गया है। यहां अब टूटी हुई सड़कों की मरम्मत की जा रही है ताकि राहत सामग्री और आवश्यक सेवाओं की आवाजाही सुचारू रूप से हो सके। इस टास्क फोर्स में ब्रिजिंग विशेषज्ञ, सर्वेयर, वॉटरमैनशिप विशेषज्ञ, भारी इंजीनियरिंग उपकरणों, ड्रोन और अनमैन्ड सिस्टम संचालन में दक्ष कर्मी शामिल हैं। सभी मिलकर सटीक, तेज और प्रभावी इंजीनियरिंग सहायता प्रदान कर रहे हैं। इसमें बुरी तरह क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्निर्माण, टूटे पुलों को जोड़ना और अन्य ढांचागत सुविधाएं बहाल करना शामिल है।
भारतीय सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स के पास श्रीलंका में चार सेट बेली ब्रिज उपलब्ध हैं। इन्हें भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान द्वारा श्रीलंका पहुँचाया गया है। इनका उपयोग करके कटे हुए क्षेत्रों में त्वरित संपर्क बहाल किया जाएगा। इसके साथ ही, टास्क फोर्स के पास पन्यूमैटिक नावें, आउटबोर्ड मोटर, भारी पेलोड ड्रोन, रिमोट-कंट्रोल बोट आदि अत्याधुनिक उपकरण भी उपलब्ध हैं।
सेना का कहना है कि इन्हीं संसाधनों के माध्यम से टीम राहत व बचाव कार्य, अस्थायी आश्रय, सड़कों और पुलों जैसी महत्वपूर्ण संरचनाओं के निर्माण में सक्षम है। श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा बताए गए आवश्यक स्थानों के आधार पर, भारतीय इंजीनियर टास्क फोर्स ने श्रीलंका सेना और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर कई पुल स्थलों का रेकी का कार्य किया है। इन पुलों की तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई पुलों पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। यहां मॉड्यूलर बेली ब्रिज स्थापित किया जा रहा है, जिसे आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न कॉन्फिगरेशन में लगाया जा सकता है। इसके तैयार होते ही इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी बहाल हो जाएगी।
सेना के अनुसार, ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ सिर्फ राहत कार्य नहीं है, बल्कि यह भारत की पड़ोसी देशों के प्रति प्रतिबद्धता, त्वरित सहायता और मानवीय सहयोग की भावना का प्रतीक है। भारतीय सेना की यह इंजीनियर टास्क फोर्स श्रीलंका के संकटग्रस्त क्षेत्रों में आशा और सहायता दोनों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर कार्य कर रही है।