क्या मनोज जरांगे मुंबई से हटेंगे? शांतिपूर्वक लड़ाई जारी रहेगी!

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क्या मनोज जरांगे मुंबई से हटेंगे? शांतिपूर्वक लड़ाई जारी रहेगी!

सारांश

मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की गंभीरता को उजागर किया है। उनका स्पष्ट संदेश है कि वे मुंबई से नहीं हटेंगे। जानें इस संघर्ष की पृष्ठभूमि और सरकार के प्रति उनकी चुनौतियों के बारे में।

Key Takeaways

  • मनोज जरांगे पाटिल का आंदोलन शांतिपूर्ण है।
  • सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
  • 58 लाख लोगों का पंजीकरण हो चुका है।
  • सरकार ने अभी तक प्रमाणपत्र जारी नहीं किए हैं।
  • जरांगे ने मुंबई से नहीं हटने का संकल्प लिया है।

मुंबई, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे किसी भी कीमत पर मुंबई से नहीं हटेंगे।

जरांगे ने कहा कि उनका आंदोलन पिछले दो वर्षों से पूरा शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से चल रहा है, लेकिन सरकार गरीबों की पीड़ा को नजरअंदाज कर रही है।

उन्होंने कहा कि हमने नियमों का पालन करते हुए पिछले दो सालों से आंदोलन किया है। अगर सरकार गरीबों को भूल जाएगी, तो वह गरीबों के दर्द को भी भूल जाएगी। हमें न्याय पर भरोसा है। कोर्ट के आदेश पर हमने सभी गाड़ियों को हटा दिया है। फिर भी सरकार हमारे खिलाफ जा रही है। जरांगे ने कहा कि अब तक 58 लाख लोगों का पंजीकरण हो चुका है, लेकिन 'कुनबी' प्रमाणपत्र जारी नहीं किए गए हैं।

जरांगे पाटिल ने स्पष्ट कहा कि हम मुंबई से तब तक नहीं जाएंगे, जब तक प्रमाणपत्र नहीं दिए जाते। यदि आजाद मैदान के बाहर लड़कों पर लाठीचार्ज किया गया, तो यह सरकार की छवि को धूमिल करेगा। मैं यहाँ से हटने वाला नहीं हूँ। जब मैं चला जाऊं, तब भी आप शांत रहें। यह लड़ाई शांतिपूर्वक लड़ी जाएगी। मैं मरते दम तक मुंबई नहीं छोड़ूंगा।

जरांगे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर कोर्ट में झूठे सबूत पेश करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि इसके परिणाम उन्हें भी भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन के पहले दिन से ही वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन समाधान निकले बिना वे पीछे नहीं हटेंगे।

यह भी ज्ञात हो कि मराठा नेता मनोज जरांगे मुंबई के आजाद मैदान में शुक्रवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। उनके साथ हजारों की संख्या में समर्थक जुड़ चुके हैं। वे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर सरकार के साथ बातचीत अभी तक विफल रही है।

इसी बीच, मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे पाटिल को नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि आंदोलन के दौरान कुछ नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसके बाद पाटिल की लीगल टीम ने उनसे मुलाकात की। मुलाकात के बाद उनके वकील एडवोकेट आशीष गायकवाड़ ने कहा कि वे कोर्ट में यह साबित करेंगे कि नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। उन्होंने बताया कि जारंगे की तबीयत पिछले दो दिनों से थोड़ी खराब थी और आज उनकी बात सुनने के लिए टीम आई थी।

गायकवाड़ ने आगे कहा कि लोग जारंगे का साथ दे रहे हैं और सड़कें व आंदोलन स्थल 95 फीसदी खाली हैं। उनकी टीम जारंगे का पक्ष रखने आई है, जो अभी तक कोर्ट में पेश नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि जो कुछ भी हुआ, चाहे अच्छा हो या बुरा, वे दोनों पक्षों को कोर्ट के सामने रखेंगे।

Point of View

NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

मनोज जरांगे पाटिल कौन हैं?
मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
क्या जरांगे मुंबई से हटेंगे?
मनोज जरांगे ने स्पष्ट कहा है कि वे किसी भी कीमत पर मुंबई से नहीं हटेंगे।
सरकार पर कौन से आरोप लगाए गए हैं?
जरांगे ने सरकार पर गरीबों की पीड़ा को नजरअंदाज करने और झूठे सबूत पेश करने का आरोप लगाया है।
क्या आंदोलन शांतिपूर्ण है?
जी हां, मनोज जरांगे ने कहा है कि उनका आंदोलन पिछले दो वर्षों से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से चल रहा है।
क्या सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई की है?
इस मुद्दे पर सरकार के साथ बातचीत अभी तक विफल रही है।