क्या मुजफ्फरनगर के 'पंडित जी वैष्णो' ढाबे से हटाए गए मुस्लिम कर्मचारी?

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क्या मुजफ्फरनगर के 'पंडित जी वैष्णो' ढाबे से हटाए गए मुस्लिम कर्मचारी?

सारांश

मुजफ्फरनगर के 'पंडित जी वैष्णो' ढाबे में विवाद के कारण कर्मचारियों का बदलाव किया गया है। आरोप है कि दो मुस्लिम कर्मचारी नाम बदलकर काम कर रहे थे। अब ढाबे पर केवल हिंदू कर्मचारी रह गए हैं। क्या यह विवाद ढाबे के लिए नई समस्याएं खड़ी करेगा?

Key Takeaways

  • कर्मचारियों का बदलाव विवाद के चलते किया गया है।
  • ढाबे पर अब केवल हिंदू कर्मचारी काम कर रहे हैं।
  • महिला कर्मचारी सुमन देवी ने स्थिति की पुष्टि की है।
  • विवाद ने ढाबे की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है।

मुजफ्फरनगर, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांवड़ यात्रा से पहले विवादों में घिरे मुजफ्फरनगर के पंडित जी वैष्णो ढाबे में कर्मचारियों का बदलाव किया गया है। जानकारी के अनुसार, इस ढाबे पर दो मुस्लिम कर्मचारी कथित तौर पर नाम बदलकर काम कर रहे थे। जब उनकी वास्तविकता उजागर हुई, तो विवाद उत्पन्न हुआ। अब तक की जानकारी के अनुसार, दोनों मुस्लिम कर्मचारियों को ढाबे से हटा दिया गया है और अब यहां सभी कर्मचारी हिंदू होंगे।

मुजफ्फरनगर में दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर बझेड़ी गांव के पास स्थित पंडित जी वैष्णो ढाबे का लाइसेंस दीक्षा शर्मा के नाम है, और ढाबे की बिल्डिंग का एग्रीमेंट भी उन्हीं के नाम से है। यहां धर्मेंद्र वशिष्ठ को मैनेजर नियुक्त किया गया था, जबकि सन्नव्वर और तज्जमुल नाम के दो मुस्लिम कर्मचारी नाम बदलकर काम कर रहे थे। इनमें तज्जमुल ने अपना नाम 'गोपाल' बताया था और सन्नव्वर को 'पंडित जी' के नाम से जाना जाता था।

नए मैनेजर सुनील शर्मा ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मुझे पूर्व विवाद के बारे में जानकारी नहीं है। मैं यहां केवल दो दिन पहले आया हूं। पूर्व मैनेजर धर्मेंद्र को ही दोनों मुस्लिम कर्मचारियों के बारे में जानकारी हो सकती है, क्योंकि उन्होंने ही विवाद को जन्म दिया था।"

सुनील शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि धर्मेंद्र शराब का आदी था और शायद ढाबे की मालिकाना के साथ विवाद के कारण यह पूरा मामला सामने आया है।

विवाद के चलते पंडित जी वैष्णो ढाबे पर काम लगभग ठप हो चुका है, जिससे यहां काम करने वाले अन्य कर्मचारी परेशान हैं।

महिला कर्मचारी सुमन देवी ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "पिछले 7 दिन से इस ढाबे पर कुछ नहीं बचा है। जो ग्राहक आते हैं, वे भी चले जाते हैं। अब उनके लिए रोजी-रोटी का खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने सोचा था कि कांवड़ यात्रा के दौरान अच्छी कमाई होगी, लेकिन अचानक विवाद ने सब कुछ खत्म कर दिया।"

सुमन देवी ने पुष्टि की कि मुस्लिम कर्मचारियों को ढाबे से हटा दिया गया है और अब केवल हिंदू कर्मचारी ही यहां काम कर रहे हैं।

Point of View

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारे समाज में भेदभाव और विभाजन की भावना बढ़ रही है। यह महत्वपूर्ण है कि हम एक ऐसे समाज का निर्माण करें, जहां सभी धर्मों और समुदायों के लोग एक साथ मिलकर काम कर सकें।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

क्यों हटाए गए मुस्लिम कर्मचारी?
कर्मचारियों को नाम बदलकर काम करने के आरोप में हटाया गया है।
'पंडित जी वैष्णो' ढाबे का मालिक कौन है?
'पंडित जी वैष्णो' ढाबे का लाइसेंस दीक्षा शर्मा के नाम पर है।
क्या विवाद का असर ढाबे पर पड़ा है?
हाँ, विवाद के कारण ढाबे पर काम लगभग ठप हो चुका है।
क्या सभी कर्मचारी अब हिंदू हैं?
जी हाँ, अब सिर्फ हिंदू कर्मचारी ही ढाबे पर काम कर रहे हैं।
क्या इस विवाद का कोई कानूनी पहलू है?
विवाद का कानूनी पहलू अभी तक स्पष्ट नहीं है।