क्या मुजफ्फरनगर में मतदाता सूची पुनरीक्षण में देरी से सवाल उठाए गए?

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क्या मुजफ्फरनगर में मतदाता सूची पुनरीक्षण में देरी से सवाल उठाए गए?

सारांश

मुजफ्फरनगर में सपा जिलाध्यक्ष जिया चौधरी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मतदाता सूची पुनरीक्षण में हो रही देरी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बीएलओ के पास दस्तावेज नहीं पहुंचे हैं, जिससे मतदाता सत्यापन प्रभावित हो रहा है। क्या निर्वाचन आयोग इस स्थिति का समाधान करेगा?

Key Takeaways

  • मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया में देरी हो रही है।
  • बीएलओ के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं पहुंचे हैं।
  • सपा ने निष्पक्षता की मांग की है।
  • जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि दस्तावेज जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • मतदाता का अधिकार सुनिश्चित करना ज़रूरी है।

मुजफ्फरनगर, ७ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस संदर्भ में, मुजफ्फरनगर के सपा जिलाध्यक्ष जिया चौधरी ने जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अब तक किसी भी बीएलओ के पास संबंधित दस्तावेज नहीं पहुंचे हैं, जिसके कारण बीएलओ मतदाताओं के घर नहीं पहुंच पा रहे हैं।

जिलाध्यक्ष जिया चौधरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "जिले के किसी भी बीएलओ को अब तक आवश्यक दस्तावेज और फॉर्म नहीं मिले हैं, जिसके कारण वे घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन का कार्य शुरू नहीं कर पाए हैं। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि सभी बीएलओ को स्टेशनरी और आवश्यक फॉर्म उपलब्ध करा दिए जाएंगे।"

चौधरी ने कहा कि निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार ४ नवंबर से बीएलओ को मतदाताओं के घर-घर जाकर फॉर्म वितरित करने और नामों का सत्यापन शुरू करना था, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब सत्यापन का कार्य एक माह का है और तीन दिन पहले ही निकल चुके हैं, तो क्या आयोग इस अवधि को बढ़ाएगा।

सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी निष्पक्ष मतदाता सूची के पक्ष में है और डुप्लीकेट वोट या मृतक मतदाताओं के नाम हटाने का समर्थन करती है, परंतु किसी भी मतदाता का नाम धर्म, जाति या राजनीतिक विचारधारा के आधार पर नहीं हटाया जाना चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि कुछ स्थानों पर बीएलओ राजनीतिक दबाव में आकर पक्षपाती निर्णय ले सकते हैं, जिस पर पार्टी सतर्क निगरानी रखेगी।

चौधरी ने बताया कि सपा ने प्रत्येक बूथ और विधानसभा क्षेत्र पर पार्टी प्रभारी नियुक्त किए हैं ताकि मतदाता सूची से जुड़ी किसी भी शिकायत को तुरंत संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जा सके।

जिला प्रशासन पर भरोसा जताते हुए चौधरी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हमारे जिले के अधिकारी निष्पक्षता से काम करेंगे और किसी भी मतदाता के अधिकार से समझौता नहीं होगा। हमारा उद्देश्य केवल यही है कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में बना रहे और लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत हो।”

उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह काम होता रहेगा तो सही काम कैसे होगा? इस बारे में कोई नहीं बोल रहा है। काम देरी से शुरू होने पर बीएलओ लोग सभी घर पर नहीं जाएंगे जिससे जनता को नुकसान होगा।

Point of View

परंतु जिम्मेदारियों का पालन करना भी आवश्यक है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र की प्रक्रिया सही ढंग से चले।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

मुजफ्फरनगर में मतदाता सूची पुनरीक्षण का क्या महत्व है?
यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सुनिश्चित करती है कि हर योग्य मतदाता का नाम सूची में हो।
बीएलओ का कार्य क्या है?
बीएलओ का कार्य मतदाता सूची का सत्यापन करना और मतदाताओं को आवश्यक फॉर्म वितरित करना है।
क्या निर्वाचन आयोग समय सीमा बढ़ा सकता है?
हां, यदि आवश्यक समझा जाए तो निर्वाचन आयोग समय सीमा को बढ़ा सकता है।
सपा का इस मामले में क्या रुख है?
सपा निष्पक्ष मतदाता सूची का समर्थन करती है और किसी भी प्रकार के पक्षपात का विरोध करती है।
जिला प्रशासन पर भरोसा क्यों जताया गया?
क्योंकि यह सुनिश्चित करने के लिए कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो, जिला प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण है।