क्या मुजफ्फरपुर जंक्शन पर लोको रनिंग स्टाफ की तीन मांगों को स्वीकार किया जाएगा?
सारांश
Key Takeaways
- लोको पायलटों का प्रदर्शन उनकी मांगों को लेकर है।
- प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और रेल परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा।
- कर्मचारी संघर्ष कर रहे हैं ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
मुजफ्फरपुर, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मुजफ्फरपुर जंक्शन पर लोको पायलट और सहायक लोको पायलटों की प्रमुख संस्था ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने अपनी तीन सूत्री मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। क्रू लॉबी के ठीक सामने बड़ी संख्या में जुटे पदाधिकारियों और सदस्यों ने धरना दिया और नारे लगाए, जिससे स्टेशन परिसर में कुछ समय के लिए हलचल बनी रही।
एसोसिएशन की मुख्य मांग यह है कि पूर्व की तरह सोनपुर और समस्तीपुर दोनों मंडलों की क्रू लॉबी को मुजफ्फरपुर में ही रखा जाए। उनका कहना है कि क्रू लॉबी को अलग करने से रनिंग स्टाफ को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दूसरी मांग यह है कि रेलवे के अन्य विभागों की भांति रनिंग स्टाफ के लिए भी ज्वाइंट प्रोसीजर ऑर्डर (जेपीओ) जारी किया जाए और सोनपुर मंडल में स्थानांतरण के लिए कर्मचारियों को विकल्प दिया जाए। तीसरी मांग तत्काल प्रभाव से लागू कुछ स्थानांतरण आदेशों को रद्द करने की है। कर्मचारियों का तर्क है कि ये आदेश उचित प्रक्रिया के बिना जारी किए गए हैं, जिससे उनके पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
प्रदर्शन के दौरान मुजफ्फरपुर जंक्शन से गुजर रही कई ट्रेनों के लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों ने भी समर्थन प्रदर्शित किया। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एक ज्ञापन तैयार कर इसे रेलवे के जनरल मैनेजर के नाम प्रस्तुत किया। स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों के माध्यम से यह ज्ञापन जीएम को भेजा गया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मांगों की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस धरने में एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल देव यादव और सचिव बृजन चौधरी सहित कई पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। सभी ने दृढ़ता से कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा। रनिंग स्टाफ का कहना है कि लंबे समय से उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि वे रेल परिचालन की रीढ़ हैं। बिना उनकी सुविधा और संतोष के सुरक्षित और समयबद्ध ट्रेन चलाना संभव नहीं है।
यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और रेल परिचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। फिर भी रेलवे प्रशासन अब इन मांगों को गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर हुआ है। आने वाले दिनों में उच्च अधिकारियों से बातचीत की संभावना जताई जा रही है। लोको रनिंग स्टाफ की यह कार्रवाई पूर्व मध्य रेलवे में चर्चा का विषय बन गई है।