क्या नागालैंड के हॉर्नबिल फेस्टिवल के पांचवें दिन 18 नागा जनजातियों की समृद्ध परंपराएं प्रदर्शित हुईं?
सारांश
Key Takeaways
- हॉर्नबिल फेस्टिवल नागालैंड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
- 18 नागा जनजातियों ने अपनी परंपराओं का प्रदर्शन किया।
- मुख्यमंत्री ने इसे एकता और समृद्ध विरासत का प्रतीक बताया।
- फेस्टिवल में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को भी देखा गया।
- यह महोत्सव स्थानीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है।
कोहिमा, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 26वें हॉर्नबिल फेस्टिवल के पांचवें दिन शुक्रवार को किसामा में स्थित नागा हेरिटेज विलेज में 18 नागा जनजातियों ने अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पारंपरिक प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रदर्शित किया।
अल्पसंख्यक मामलों एवं रेशम विभाग के सलाहकार इमकोंगमार ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लक्षेरा, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और बेसिक प्लान निदेशक सुनील सचदेवा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
त्योहार के इस दिन नागालैंड की विविध सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं, इतिहास और सामुदायिक जीवन का अद्भुत संगम देखने को मिला।
खियामनिउंगन सांस्कृतिक दल ने खाओजाओसी होक-अह-त्सुई नामक जनवरी उत्सव का प्रदर्शन किया, जो खुशियों, भोजन और चावल की बीयर के सामूहिक आनंद के साथ-साथ योद्धाओं की वीरता का प्रतीक है। चांग सांस्कृतिक दल ने रूमानी लोक नृत्य प्रस्तुत किया। कछारी सांस्कृतिक दल ने ब्विसागु नृत्य के माध्यम से मिड-अप्रैल में मनाए जाने वाले मेच कछारी नववर्ष का उत्सव दिखाया। इसमें खाम, सिफुंग, सर्जा और जोथा जैसे पारंपरिक वाद्यों की मधुर ध्वनि गूंज उठी। चाखेसांग सांस्कृतिक दल ने खारुसो सु के माध्यम से गांव के द्वार निर्माण की परंपरा दर्शाई और खुस्वो ली के जरिए धान की रोपाई के रस्मों का प्रदर्शन किया।
यिमखियुंग, जेलियांग, तिखिर, कोन्याक, संगतम, फोम, पोचुरी, रेंगमा, लोथा और कुकी जनजातियों के दलों ने भी अपनी पारंपरिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सूमी सांस्कृतिक दल ने थिपुघो घा/त्सुसुघु कुमसु नामक अनुष्ठानिक प्रस्तुति दी, जो सूखे की स्थिति में वर्षा देवता को जागृत करने के लिए की जाती है। इसमें ‘तुम्मी’ (द्रष्टा) या ‘आवौ’ (पुरोहित) के नेतृत्व में नदी किनारे पत्थरों पर प्रहार कर वर्षा आत्मा को जगाया जाता है और विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं।
हॉर्नबिल फेस्टिवल के दौरान शुक्रवार को तौफेमा गांव में पारंपरिक स्टोन पुलिंग समारोह का आयोजन किया गया, जिसकी मेज़बानी नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने पर्यटन विभाग के साथ मिलकर की। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्र के संचार एवं डोनर मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हॉर्नबिल फेस्टिवल नागा जीवनशैली और एकता का प्रतीक है। यह पूर्वजों के प्रति सम्मान, जीवंत परंपराओं और समृद्ध विरासत को दर्शाता है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की लगभग 20 लाख आबादी का 86 प्रतिशत हिस्सा जनजातीय समुदायों से संबंधित है। नागालैंड में 17 प्रमुख जनजातियां और कई उप-जनजातियां हैं, जिनकी अपनी विशिष्ट संस्कृति, नृत्य, वेशभूषा और परंपराएं हैं।
इस बार हॉर्नबिल फेस्टिवल के लिए ऑस्ट्रिया, फ्रांस, आयरलैंड, माल्टा, स्विट्जरलैंड और यूनाइटेड किंगडम साझेदार देश बने हैं, जबकि क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अरुणाचल प्रदेश को राज्य साझेदार बनाया गया है।