क्या 'नमो वन' में 12,000 पौधे लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को मिलेगी शांति और सुकून?

सारांश
Key Takeaways
- नमो वन में 10,000 से 12,000 पौधे लगाए जाएंगे।
- यह परियोजना शांति और सुकून का अनुभव प्रदान करेगी।
- परियोजना में पौधों की नियमित मॉनिटरिंग होगी।
- इसमें स्वच्छता अभियान और रक्तदान शिविर भी होंगे।
- यह प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होगी।
दमोह, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर से प्रारंभ हुआ स्वच्छता पखवाड़ा 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा। इस दौरान भाजपा की ओर से देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। भाजपा सांसद राहुल सिंह लोधी ने जानकारी दी कि ‘नमो वन’ का विकास किया जा रहा है, जिसमें 10,000 से 12,000 पौधे लगाए जाएंगे।
‘नमो वन’ के बारे में भाजपा सांसद ने कहा कि इस वन में आने वाले लोगों को शांति और सुकून का अनुभव होगा।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भाजपा सांसद ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक ‘सेवा पखवाड़ा’ मनाया जा रहा है। इस दौरान स्वच्छता अभियान, ‘नमो वन’ पहल, रक्तदान शिविर और अन्य जनकल्याणकारी गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
उन्होंने ‘नमो वन’ की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसे पूरी तरह व्यवस्थित रूप से विकसित किया जाएगा। इसमें लोगों के चलने के लिए पाथ-वे बनाए जाएंगे, पानी की व्यवस्था होगी, और झूले लगाए जाएंगे। लगभग 35 से 40 हेक्टेयर क्षेत्र में 10,000 से 12,000 पौधे लगाने का लक्ष्य है। इसका उद्देश्य ऐसा वातावरण तैयार करना है, जहां लोग शांति से बैठ सकें और प्रकृति का आनंद ले सकें।
लोधी ने पीएम मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसे आगे बढ़ाते हुए ‘एक बगिया मां के नाम’ अभियान शुरू किया है। उन्होंने बताया कि ‘नमो वन’ इसी क्रम का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में यह पहल भविष्य में बहुत उपयोगी साबित होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पौधों की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभियान का प्रभाव लंबे समय तक बना रहे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि दमोह संसदीय क्षेत्र की जबेरा विधानसभा में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत नमो उपवन पौधरोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की दिशा में अधिक से अधिक पौधारोपण कर पर्यावरण को हरित एवं स्वच्छ बनाएं।