क्या सैम पित्रोदा ने पाकिस्तान पर अपने बयान को स्पष्ट किया?

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क्या सैम पित्रोदा ने पाकिस्तान पर अपने बयान को स्पष्ट किया?

सारांश

सैम पित्रोदा ने अपने हालिया बयान पर स्पष्टीकरण दिया है, जिसमें उन्होंने साझा इतिहास और पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों पर जोर दिया था। भाजपा ने उनके बयान पर सवाल उठाए हैं। जानें सैम पित्रोदा का क्या कहना है।

Key Takeaways

  • पड़ोसी देशों के साथ संबंधों का महत्व।
  • साझा इतिहास को समझना आवश्यक है।
  • लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का संरक्षण।
  • संस्थाओं को मजबूत करना।
  • युवाओं के सशक्तिकरण की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने राष्ट्र प्रेस से एक विशेष बातचीत में भारत की पड़ोसी नीति को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उन्हें पाकिस्तान और बांग्लादेश में घर जैसा अनुभव हुआ है। उनके इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर हमला किया है। सैम पित्रोदा ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण दिया है।

सैम पित्रोदा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हालिया चर्चाओं के संदर्भ में मैं अपने बयान को स्पष्ट करना चाहता हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा उन वास्तविकताओं की ओर ध्यान आकर्षित करना रहा है जिनका सामना हमें करना पड़ता है, जैसे चुनाव प्रक्रिया, नागरिक समाज का महत्व और भारत की भूमिका, चाहे वह क्षेत्रीय हो या वैश्विक।

उन्होंने कहा, "जब मैंने कहा कि पड़ोसी देशों की यात्रा के दौरान मुझे अक्सर 'घर जैसा' महसूस होता है, या यह कि हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक जड़ें साझा हैं, तो मेरा आशय साझा इतिहास और लोगों के बीच रिश्तों पर जोर देना था, न कि संघर्ष या भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न चुनौतियों को नजरअंदाज करना।" उन्होंने यह भी कहा कि जब मैंने 'विश्वगुरु' की अवधारणा को चुनौती दी, तो मेरा तात्पर्य दिखावे की बजाय सार्थकता पर जोर देने से था।

सैम पित्रोदा ने यह भी कहा कि हमें लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना, संस्थाओं को मजबूत करना, युवाओं को सशक्त बनाना, अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करना, और विभाजन की राजनीति का विरोध करना चाहिए। ये सभी मुद्दे हमारी राष्ट्रीय पहचान और मूल्यों के केंद्र में हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि उनके शब्दों से किसी को भ्रम हुआ है तो उनका उद्देश्य कभी भी किसी की पीड़ा को कम आंकना नहीं था। वह ईमानदार संवाद, सहानुभूति और एक ठोस दृष्टिकोण को बढ़ावा देना चाहते थे, जिससे भारत आत्मावलोकन करे और दुनिया उसे देखे। आगे बढ़ते हुए, वे पारदर्शिता, सम्मानजनक संवाद, और एक सकारात्मक भविष्य की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Point of View

साथ ही वर्तमान चुनौतियों का सामना करें। एक स्वस्थ संवाद और लोकतंत्र की रक्षा में सभी की भागीदारी आवश्यक है।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

सैम पित्रोदा ने पाकिस्तान के बारे में क्या कहा?
सैम पित्रोदा ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान और बांग्लादेश में घर जैसा अनुभव हुआ है और उन्होंने साझा इतिहास और रिश्तों पर जोर दिया।
भाजपा ने उनके बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
भाजपा ने सैम पित्रोदा के बयान पर सवाल उठाए और इसे राजनीतिक रूप से गलत बताया।
सैम पित्रोदा का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उनका मुख्य उद्देश्य साझा इतिहास और लोगों के बीच रिश्तों को उजागर करना था, न कि संघर्षों को नजरअंदाज करना।