क्या पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में घर जैसा लगता है? सैम पित्रोदा ने पड़ोस नीति को बताया महत्वपूर्ण

सारांश
Key Takeaways
- पड़ोस नीति को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
- राहुल गांधी की आवाज में अपनी आवाज मिलाने का समर्थन करें।
- चुनाव युवा पीढ़ियों को प्रभावित करते हैं।
- लोकतंत्र की स्थिति पर ध्यान देना आवश्यक है।
- पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहिए।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने शुक्रवार को राष्ट्र प्रेस से एक विशेष बातचीत में पड़ोस नीति को भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में उन्होंने घर जैसा अनुभव किया। विदेश नीति को पहले पड़ोस पर केंद्रित किया जाना चाहिए।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में पड़ोस नीति की वकालत की। उन्होंने कहा, "हमारी विदेश नीति सबसे पहले पड़ोस पर केंद्रित होनी चाहिए। क्या हम पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत कर सकते हैं? मैंने पाकिस्तान का दौरा किया है और वहां मुझे घर जैसा अनुभव हुआ। बांग्लादेश और नेपाल में भी ऐसा ही महसूस किया। मुझे ऐसा लगता है कि जैसे मैं विदेश में नहीं हूं।"
राहुल गांधी द्वारा 'वोट चोरी' के आरोप पर सैम पित्रोदा ने कहा, "राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि क्या हो रहा है और हमारे जैसे नेता वर्षों से कह रहे हैं कि ईवीएम में कुछ तो गड़बड़ है। अब राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई है और हम सबको उनका समर्थन करना चाहिए।"
पित्रोदा ने चुनाव के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "चुनाव हमारे जैसे बुजुर्गों से ज्यादा आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित करते हैं। राहुल गांधी के शब्द सच्चे हैं, लेकिन वे अकेले नहीं लड़ सकते। अगर हम मानते हैं, तो हमें एकजुट होना होगा और अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए। सभी राजनीतिक दल, कांग्रेस नेता, युवा नेता, सिविल सोसाइटी, वकील और अन्य को अपनी आवाज उठानी चाहिए।"
उन्होंने राहुल गांधी के जेन-जी से लोकतंत्र बचाने की अपील का समर्थन किया और कहा, "मैं भारत के युवाओं से अनुरोध करता हूं कि राहुल गांधी की आवाज में अपनी आवाज मिलाएं।"
पित्रोदा ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए उन्हें 'चमकदार, ऊर्जावान युवा' बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा और अन्य दल उन्हें गलत तरीके से पेश करते हैं। राहुल गांधी शिक्षित हैं, वे भारत पर विश्वास करते हैं और हमारी युवा पीढ़ी के भविष्य में विश्वास रखते हैं। लोग अब समझने लगे हैं कि राहुल गांधी सही भविष्य के नेता हैं। हमें एक ऐसे वैश्विक नेता की आवश्यकता है, जिसका नैतिक आधार मजबूत हो।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सेबी से खारिज होने के सवाल पर सैम पित्रोदा ने कहा, "संस्थाएं और न्यायपालिका अब नियंत्रण में हैं। सिविल सोसाइटी के अपने स्वार्थ हैं। अब बहुत कम स्वतंत्रता बची है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।"
भाजपा के कांग्रेस को जॉर्ज सोरोस से जोड़ने पर पित्रोदा ने कहा, "मैंने कभी जॉर्ज सोरोस से मुलाकात नहीं की। इसमें कोई सबूत नहीं है। सोरोस अपने हितों के लिए काम करते हैं और कांग्रेस पार्टी अपने लिए काम करती है। यह सब झूठ है। सबके बारे में सिर्फ झूठ फैलाने का काम किया जाता है।"
सैम पित्रोदा ने भाजपा के उस दावे को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया कि पीएम मोदी ने भारत की विदेश नीति को बदल दिया है। उन्होंने कहा, "यह सब बकवास और भारतीय प्रचार है। हम विश्व गुरु नहीं हैं। अगर मैं अपने पड़ोसियों से पूछूं, तो वे पीएम मोदी या भारत के बारे में कुछ नहीं जानते। वे अपनी समस्याओं में उलझे हैं। यह मिथक कि भारत हर किसी के मन में है, गलत है। अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों में भारत की कवरेज अर्थव्यवस्था, जनसंख्या और अवसरों तक सीमित है। 'विश्व गुरु' की धारणा को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।"