क्या नकवी ने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों को 'बुद्धि चोरी' और 'सनक' का नतीजा बताया?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों को खारिज किया।
- राजनीतिक बयानबाजी में बुद्धि चोरी का आरोप लगाया गया।
- नई मतदान व्यवस्था को पारदर्शी और सुरक्षित बताया गया।
- प्राकृतिक आपदाओं पर राजनीति करने की आलोचना की गई।
- राहुल गांधी से रचनात्मक सुझाव देने की अपील की गई।
नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान उनकी "बुद्धि चोरी" और सत्ता के बिना तड़पने का नतीजा है। उन्होंने राहुल के "हिट एंड रन" के खेल को पुराना और बेनकाब करार दिया।
नकवी ने कहा कि राहुल गांधी का कहना है कि वोटों की चोरी हुई है, लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि वोटों की चोरी नहीं हुई है, बल्कि राहुल गांधी की बुद्धि की चोरी हो गई है। इसी वजह से वे इस तरह के बयानों का सहारा ले रहे हैं। अब राहुल गांधी सत्ता के लिए छटपटाते नजर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने पिछले दस वर्षों से देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं और संस्थाओं के खिलाफ अविश्वास, भय और भ्रम का माहौल बनाने की कोशिश की है। जिनकी सद्बुद्धि चुराई गई हो, वे ऐसी बातें करेंगे। राहुल गांधी सत्ता के बिना मछली की तरह तड़प रहे हैं। उनकी सनक अपने चरम पर है, इसलिए वे ऐसे बयान दे रहे हैं।
मुख्तार अब्बास नकवी ने पुरानी मतदान व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले वोटिंग में अनियमितताएं आम थीं, लेकिन अब व्यवस्था पारदर्शी और सुरक्षित है। वर्तमान प्रणाली योग्य मतदाताओं की सुरक्षा और अवैध मतदाताओं की सफाई के लिए बनाई गई है। नकवी ने राहुल को सुझाव देने की बजाय साजिश रचने से बचने की सलाह दी।
उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के संदर्भ में भी कांग्रेस की आलोचना की। नकवी ने कहा कि उत्तराखंड और अन्य क्षेत्रों में बाढ़ जैसी आपदाओं में लोग मदद और दुआ कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग बद्दुआ और कुतर्क देने में लगे हैं। फिरोजपुर में जो हुआ, ईरान और इराक में जो हो रहा है, क्या उसके लिए भी ऐसे कुतर्क दिए जाएंगे? आपदा के समय संकटमोचक की भूमिका निभाने की बजाय सियासत करना उचित नहीं है।
भाजपा नेता ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की नई शिक्षा नीति पर भी टिप्पणी की, जिसमें तमिल और अंग्रेजी को शामिल किया गया है, लेकिन हिंदी को लेकर विवाद है। उन्होंने कहा कि हिंदी के प्रति असहिष्णुता दिखाना न तो लोगों के हित में है और न ही देश के। किसी भी क्षेत्रीय या स्थानीय भाषा का अपमान नहीं किया जा रहा है, लेकिन हिंदी को "अछूत" मानने की सोच गलत है। हिंदी के प्रति सहिष्णुता दिखानी चाहिए। यह न तो आपके भले के लिए है और न ही आपके लोगों के लिए।
मुख्तार अब्बास नकवी ने जोर देकर कहा कि देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं और संस्थाओं पर भरोसा बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस से अपील की कि वे अविश्वास और भ्रम फैलाने की बजाय रचनात्मक सुझाव दें।