क्या नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की चार्जशीट पर फैसला सुरक्षित रहेगा?

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क्या नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की चार्जशीट पर फैसला सुरक्षित रहेगा?

सारांश

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। क्या 29 नवंबर को अदालत का निर्णय इस विवादास्पद मामले को नया मोड़ देगा? जानें इस मामले के प्रमुख बिंदु और इसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की चार्जशीट महत्वपूर्ण है।
  • सोनिया और राहुल गांधी सहित कई नेता आरोपी हैं।
  • अदालत का फैसला 29 नवंबर को आने वाला है।
  • मामले की राजनीतिक और कानूनी प्रभावशीलता पर विचार करना आवश्यक है।
  • मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला देश की राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है।

नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में, दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में, अदालत 29 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगी।

इससे पूर्व, 30 अक्टूबर को अदालत ने ईडी की चार्जशीट के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था।

इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है। यह मामला 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड अखबार की मूल प्रकाशक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों को अनुचित तरीके से हथियाने की साजिश रची।

अप्रैल 2025 में ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दायर की थी, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन लिमिटेड और डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया गया था।

ईडी का दावा है कि यंग इंडियन लिमिटेड (जिसमें सोनिया और राहुल 38-38 प्रतिशत शेयर रखते हैं) ने मात्र 50 लाख रुपए चुकाकर एजेएल की करीब 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति हड़प ली।

ईडी का मानना है कि नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए 2010 में 'यंग इंडियन' का गठन किया गया। कांग्रेस ने एजेएल को 90 करोड़ रुपए का ब्याज-मुक्त ऋण दिया, जिसे यंग इंडियन ने 'लोन' के रूप में चुकाया, लेकिन वास्तव में यह संपत्ति हस्तांतरण था।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने जुलाई में हुई सुनवाई में यह तर्क दिया था कि यंग इंडियन 'कठपुतली' कंपनी है। ईडी ने कहा था कि इस 'फर्जी लेन-देन' से गांधी परिवार को 142 करोड़ रुपए की 'अपराध की आय' प्राप्त हुई, जो मनी लॉन्ड्रिंग का स्पष्ट मामला है।

Point of View

जो निश्चित रूप से देश की राजनीति को प्रभावित करेगा।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस क्या है?
यह मामला कांग्रेस नेताओं पर लगे आरोपों से संबंधित है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की है।
इस केस में कौन-कौन आरोपी हैं?
इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और अन्य शामिल हैं।
अदालत का अगला फैसला कब आएगा?
अदालत 29 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगी।
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