क्या नवी मुंबई में शिक्षा का नया अध्याय शुरू हो चुका है? अब पांचवीं कक्षा से एआई और इनोवेशन की पढ़ाई

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क्या नवी मुंबई में शिक्षा का नया अध्याय शुरू हो चुका है? अब पांचवीं कक्षा से एआई और इनोवेशन की पढ़ाई

सारांश

शिरवणे विद्यालय में एआई और इनोवेशन की पढ़ाई का उद्घाटन, जो छात्रों को वैज्ञानिक सोच और नवाचार की ओर प्रेरित करेगा। इस पहल से शिक्षा की दिशा में एक नया अध्याय शुरू होगा, जिसमें युवा प्रतिभाओं को समस्याओं के समाधान के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

Key Takeaways

  • छात्रों के लिए विज्ञान और एआई की प्रायोगिक शिक्षा।
  • इनोवेशन के लिए प्रेरणा का स्रोत।
  • छात्रों को समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रशिक्षित करना।
  • भारत का पहला स्कूल जिसमें एआई लैब का उद्घाटन।
  • 5वीं कक्षा से शुरू होने वाली उन्नत शिक्षा।

मुंबई, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नवी मुंबई के शिरवणे विद्यालय एवं जूनियर कॉलेज में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल की शुरुआत की गई है। यहां एनएक्सप्लोरर्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और साइंस लैब का भव्य उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर शिक्षा जगत, विद्यालय प्रबंधन और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

यह लैब छात्रों की वैज्ञानिक सोच, नवाचार क्षमता और समस्या समाधान कौशल को मजबूत करने के उद्देश्य से स्थापित की गई है। पिछले वर्ष आईआईटी बॉम्बे में आयोजित टेकफेस्ट में एशिया के 12 देशों के छात्रों ने भाग लिया था। इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शिरवणे विद्यालय के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था। विद्यालय की छात्राओं ने नारियल पानी और पत्तेदार सब्जियों के उपयोग से इको-लेदर तैयार किया था और उससे कई उपयोगी उत्पाद विकसित किए थे। इस अभिनव प्रयोग को देश और विदेश में खूब सराहा गया।

छात्रों की इसी रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रभावित होकर लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन और शेल एनएक्सप्लोरर्स के संयुक्त सहयोग से विद्यालय में इस आधुनिक साइंस और एआई लैब की स्थापना की गई। उद्घाटन समारोह में विद्यालय प्रबंधन प्रमुख डॉ. राजेश पाटील, प्राचार्या भाग्यश्री चौधरी, शिक्षकगण और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

वक्ताओं ने कहा कि यह प्रयोगशाला छात्रों को किताबों से आगे ले जाकर प्रायोगिक शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार की ओर प्रेरित करेगी।

इस अवसर पर लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर साईंराम ने राष्ट्र प्रेस से बताया कि नेक्स्ट फ्लोरिश प्रोग्राम शेल की एक वैश्विक पहल है, जिसे दुनिया के 20 से अधिक देशों में लागू किया जा रहा है। भारत में यह कार्यक्रम दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों में चल रहा है। यह कार्यक्रम छात्रों को खाद्य, जल और ऊर्जा जैसी वास्तविक समस्याओं के समाधान खोजने के लिए प्रशिक्षित करता है।

साईंराम के अनुसार, इस कार्यक्रम की खासियत इसकी नेक्स्ट फ्लोरिश मेथडोलॉजी है, जो सिस्टम थिंकिंग, सिनेरियो प्लानिंग और थ्योरी ऑफ चेंज का समन्वय है। इसे संक्षेप में ‘नेक्स्ट थिंकिंग’ कहा जाता है। इसके तहत छात्र एक्सप्लोर, क्रिएट और चेंज के तीन चरणों से गुजरते हैं और कनेक्शन सर्कल, पर्सपेक्टिव सर्कल, सिनेरियो प्लानिंग क्वाड्रेंट और फिजिबिलिटी फनल जैसे टूल्स का उपयोग करते हैं। इसी प्रक्रिया से प्रेरित होकर छात्रों ने नारियल पानी से इको-लेदर विकसित किया, जिससे पारंपरिक लेदर उद्योग से होने वाले जल प्रदूषण की समस्या का समाधान खोजने का प्रयास किया गया।

विद्यालय प्रबंधक एवं भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश पाटिल ने कहा कि यह लैब छात्रों के लिए भविष्य की शिक्षा का द्वार खोलेगी। अब जो उन्नत शिक्षा आमतौर पर 12वीं के बाद मिलती थी, वह पांचवीं कक्षा से ही छात्रों को मिलने लगेगी। इससे छात्रों में इनॉवेटिव और क्रिएटिव माइंडसेट विकसित होगा।

उन्होंने गर्व के साथ कहा कि शिरवणे विद्यालय भारत का पहला स्कूल है, जिसे इस तरह का एआई और नेक्स्ट फ्लोरिश सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने का अवसर मिला है।

यह अत्याधुनिक लैब कक्षा 5वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होगी और उन्हें विज्ञान को केवल पढ़ने के बजाय सीखने का अवसर देगी।

Point of View

बल्कि यह छात्रों को समस्याओं के समाधान के लिए भी तैयार करेगी। शिक्षा का यह नया अध्याय उन्हें वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाएगा।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

इस नई पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस पहल का उद्देश्य छात्रों की वैज्ञानिक सोच, नवाचार क्षमता और समस्या समाधान कौशल को मजबूत करना है।
यह लैब किस कक्षा के छात्रों के लिए है?
यह लैब कक्षा 5वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होगी।
इस पहल का उद्घाटन कब हुआ?
यह पहल 16 दिसंबर को हुई थी।
इसमें कौन-कौन से प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे?
उद्घाटन समारोह में डॉ. राजेश पाटील, भाग्यश्री चौधरी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
क्या यह पहल केवल भारत में है?
नहीं, यह कार्यक्रम दुनिया के 20 से अधिक देशों में लागू किया जा रहा है।
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