क्या नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी बुधवार से जापान यात्रा पर जा रहे हैं?

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क्या नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी बुधवार से जापान यात्रा पर जा रहे हैं?

सारांश

नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी की जापान यात्रा रणनीतिक सहयोग और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह यात्रा भारत-जापान संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

Key Takeaways

  • नौसेना प्रमुख की जापान यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
  • इस यात्रा के दौरान समुद्री सहयोग और तकनीकी साझेदारी पर चर्चा होगी।
  • जापान में भारत के रक्षा संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का प्रयास होगा।

नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नौसेना प्रमुख (सीएनएस) एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी बुधवार को जापान की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर निकलने वाले हैं। इस यात्रा के दौरान समुद्री सुरक्षा, तकनीकी सहयोग और नौसेना तालमेल को मज़बूत करने पर चर्चा की जाने की उम्मीद है।

रक्षा मंत्रालय के एक बयान में बताया गया है कि एडमिरल त्रिपाठी की यात्रा 30 जुलाई से 2 अगस्त तक चलेगी और यह भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मज़बूत करने के प्रयासों का हिस्सा है।

यह यात्रा समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 'विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी' को मज़बूत करने के उद्देश्यों के अनुरूप है।

इस यात्रा के दौरान, नौसेना प्रमुख का रक्षा मंत्री नाकातानी, उप-रक्षा मंत्री मसुदा काज़ुओ सहित अन्य वरिष्ठ जापानी सरकारी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा और जापान समुद्री आत्मरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) के चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल सैतो अकीरा के साथ बैठक का कार्यक्रम है।

नौसेना प्रमुख जेएमएसडीएफ इकाइयों का भी दौरा करेंगे और फुनाकोशी जेएमएसडीएफ बेस पर आत्मरक्षा बेड़े के कमांडर-इन-चीफ के साथ बातचीत करेंगे।

जापान में एडमिरल त्रिपाठी की यात्रा मैत्री और रक्षा सहयोग के बंधनों को और गहरा करने का कार्य करेगी, जिससे साझा रणनीतिक और समुद्री हितों के प्रमुख क्षेत्रों में आपसी समझ को बढ़ावा मिलेगा।

यह यात्रा पारस्परिक सम्मान, समुद्री विश्वास और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के साझा दृष्टिकोण पर आधारित भारत-जापान मैत्री की पुष्टि करती है।

इस महीने की शुरुआत में, कैप्टन नाओकी मिजोगुची की कमान में जापान तटरक्षक बल (जेसीजी) का जहाज इत्सुकुशिमा अपने वैश्विक महासागरीय यात्रा प्रशिक्षण के तहत 7 जुलाई को चेन्नई बंदरगाह पहुंचा। इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) और जेसीजी के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत हुई।

यह सप्ताह भर बंदरगाह पर रुका। इस दौरान उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय बैठकें, संयुक्त व्यावसायिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान, और दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक समुद्री अभ्यास शामिल था।

इस बंदरगाह प्रवास के दौरान, चालक दल के सदस्यों ने शिष्टाचार भेंट, पारस्परिक जहाज भ्रमण, संयुक्त प्रशिक्षण सत्र, योग और खेल आयोजनों में भाग लिया, जिसका समापन 12 जुलाई को एक संयुक्त समुद्री अभ्यास 'जा माता' (बाद में मिलते हैं) में हुआ।

Point of View

बल्कि यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को भी बढ़ावा देगी। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से, यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NationPress
30/07/2025

Frequently Asked Questions

एडमिरल त्रिपाठी कब जापान यात्रा पर जा रहे हैं?
एडमिरल त्रिपाठी 30 जुलाई से 2 अगस्त तक जापान की यात्रा पर जा रहे हैं।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, तकनीकी सहयोग और नौसेना तालमेल को मज़बूत करना है।
एडमिरल त्रिपाठी किसके साथ बातचीत करेंगे?
वे रक्षा मंत्री नाकातानी और जेएमएसडीएफ के चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल सैतो अकीरा के साथ बातचीत करेंगे।