क्या नवादा विधानसभा: बिहार की एक ऐसी सीट है, जहां जनता ने हमेशा बदलाव को प्राथमिकता दी?

Click to start listening
क्या नवादा विधानसभा: बिहार की एक ऐसी सीट है, जहां जनता ने हमेशा बदलाव को प्राथमिकता दी?

सारांश

नवादा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में बदलाव की एक दिलचस्प कहानी है। यहां के लोगों ने हमेशा नए नेतृत्व को तरजीह दी है। इस लेख में जानें नवादा के धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक महत्व और राजनीतिक इतिहास के बारे में।

Key Takeaways

  • नवादा विधानसभा क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व है।
  • राजनीतिक बदलाव यहां की जनता की प्राथमिकता है।
  • धार्मिक स्थल नवादा की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं।
  • भविष्य के चुनावों में नई राजनीतिक संभावनाएं हैं।
  • नवादा का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर अनमोल है।

पटना, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नवादा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार के 243 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह नवादा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा है। नवादा प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। यह खुरी नदी के दोनों किनारों पर स्थित है, जो झारखंड की सीमा से जुड़ता है।

सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नवादा में कई प्रमुख स्थल हैं। श्री गुनावां जी तीर्थ नवादा के गोनावां गांव में स्थापित है। यह प्राचीन मंदिर भगवान महावीर के समय का है और जैन मुनि गंधर्व स्वामी को समर्पित है। कहा जाता है कि गौतम स्वामी भगवान महावीर जी के शिष्य थे। पौराणिक गाथाओं के अनुसार, एक बार गौतम बुद्ध यहां आए थे और इंद्रासल गुफा में निवास किया था।

नवादा के नारदीगंज प्रखंड के हंडिया गांव में स्थित सूर्य नारायण धाम मंदिर काफी प्राचीन है। यह उन ऐतिहासिक सूर्य मंदिरों में से एक है जो लोगों की आस्था का प्रतीक है। माना जाता है कि यह मंदिर द्वापर युग से जुड़ा हुआ है। एक तालाब मंदिर के पास स्थित है, जिसे स्नान करने से कुष्ठ रोग मिटने की मान्यता है।

बुधौली मठ और 52 कोठी 53 द्वार नवादा के पकरीबरांवा प्रखंड के बुधौली पंचायत के बुधौली गांव में स्थित हैं। यह मुख्य रूप से धर्म, अध्यात्म और ज्ञान दर्शन का केंद्र रहा है।

बुधौली मठ 1800 ईस्वी का बना हुआ है। इस मध्य में आज भी एक सुंदर दुर्गा मंडप है। प्रत्येक नवरात्रि को यहां देवी की आराधना होती है। 52 कोठी और 53 द्वार, शिक्षा और धर्म के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में यह जिले में अपनी खास पहचान रखता है।

हालांकि, नवादा की राजनीति बड़ी दिलचस्प रही है। जनता ने अक्सर बदलाव को प्राथमिकता दी है, चाहे वह राजनीतिक दल हों या नेता। 1952 में स्थापित नवादा विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए 19 चुनावों में कांग्रेस ने 6 बार जीत हासिल की, जिसकी आखिरी जीत 1985 में हुई। इसके बाद 1990 में भाजपा को पहली और आखिरी बार विजय प्राप्त हुई। हालांकि, भारतीय जनसंघ के तौर पर 1962 और 1969 के दो चुनावों में जीत मिली थी।

पिछले 25 वर्षों के राजनीतिक इतिहास में राजद और जदयू के बीच टक्कर रही है। 2015 में यह सीट राजद को मिली, लेकिन 2019 के उपचुनाव में जदयू के कौशल यादव विजयी हुए। एक साल बाद, 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में नवादा की जनता ने फिर से राजद के खाते में यह सीट डाली।

दिलचस्प यह है कि 2020 में राजद के टिकट पर जीतने वाली विभा देवी इस बार जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि 2019 में जदयू प्रत्याशी के तौर पर उपचुनाव जीतने वाले कौशल यादव को इस बार राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है। नवादा में इस बार कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं।

Point of View

बल्कि यहां की राजनीति भी समय-समय पर नई दिशा में अग्रसर होती रही है।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

नवादा विधानसभा का इतिहास क्या है?
नवादा विधानसभा का इतिहास 1952 से शुरू होता है, जब से इस क्षेत्र में चुनाव होते आ रहे हैं।
नवादा में प्रमुख धार्मिक स्थल कौन से हैं?
नवादा में प्रमुख धार्मिक स्थलों में श्री गुनावां जी तीर्थ, सूर्य नारायण धाम मंदिर, और बुधौली मठ शामिल हैं।
नवादा की राजनीतिक स्थिति क्या है?
नवादा की राजनीति में राजद और जदयू के बीच लगातार प्रतिस्पर्धा रही है, जिसमें जनता ने प्रायः बदलाव को तरजीह दी है।