क्या नया लेबर कोड श्रमिकों को सुरक्षा और अधिकार देगा? - गजेंद्र सिंह शेखावत
सारांश
Key Takeaways
- लेबर कोड श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा करेगा।
- असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को सशक्त करेगा।
- सामाजिक सुरक्षा और बीमा की सुविधाएं सुनिश्चित होंगी।
- औद्योगिक विकास में वृद्धि होगी।
- श्रम विवादों का समाधान तेज होगा।
नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रम सुधारों पर चल रही गहन चर्चा के बीच, केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए लेबर कोड पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और ओडिशा के श्रम मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दोनों नेताओं ने इसे देश में श्रमिकों के हितों की रक्षा और औद्योगिक विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में तैयार किया गया नया लेबर कोड देश के मजदूर वर्ग को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा, "यह लेबर कोड विशेष रूप से असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों को सशक्त करने और उन्हें किसी प्रकार के अन्याय से बचाने के उद्देश्य से बनाया गया है। इसके लागू होने से भारत विकास के पथ पर तेज गति से आगे बढ़ेगा।"
शेखावत के अनुसार, मजदूरों के अधिकारों की सुरक्षा, काम के घंटे, वेतन से संबंधित प्रावधान और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े नियम इस सुधार के केंद्र में हैं। उन्होंने कहा कि इससे देश में श्रम व्यवस्था और पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे उद्योगों को भी लाभ होगा।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में राज्य के श्रम मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने भी नए श्रम सुधारों का समर्थन करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा किए गए ये परिवर्तन मजदूरों के हितों के लिए ऐतिहासिक साबित होंगे।
उन्होंने कहा, "ये सुधार मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, उद्योगों के विकास को प्रोत्साहित करने और श्रमिक कल्याण को नई दिशा देने वाले हैं।"
खुंटिया ने कहा कि मजदूरों को सुरक्षा, सम्मान और बेहतर भविष्य देने के लिए ऐसे सुधार आवश्यक थे और अब देश में श्रम क्षेत्र की व्यवस्था पहले से अधिक संगठित और प्रभावी होगी।
मजदूरों की सुरक्षा और उद्योग जगत के संतुलन को ध्यान में रखते हुए बनाए गए इन सुधारों से असंगठित क्षेत्र के लाखों श्रमिकों को लाभ होगा। सामाजिक सुरक्षा, बीमा और पेंशन जैसी सुविधाएं सुनिश्चित होंगी। श्रम विवादों के समाधान की प्रक्रिया सरल और तेज होगी। औद्योगिक क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।