क्या नए लेबर कोड का मजदूरों ने स्वागत किया है?
सारांश
Key Takeaways
- लेबर कोड में बदलाव से मजदूरों को अधिकार मिलेंगे।
- महिलाओं और पुरुषों को समानता मिलेगी।
- मूलभूत सुविधाएं पहले दिन से उपलब्ध होंगी।
- 40 वर्ष से ऊपर के कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की गई है।
- नए कानूनों से शोषण की संभावना कम होगी।
सूरत, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा लेबर कोड में किए गए परिवर्तनों के चलते मजदूरों में उल्लास है। गुजरात के सूरत में श्रमिकों ने बताया कि देश में नए श्रम कानून लागू हो चुके हैं, जिन्हें भारतीय श्रम प्रणाली में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
सरकार ने पहले के 29 लेबर कोड को चार नए कोड्स में बदल दिया है। इनमें कोड ऑन वेजेज, 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, 2020, कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी, 2020, और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड, 2020 शामिल हैं। इन परिवर्तनों से मजदूरों को काफी लाभ होने की उम्मीद है।
सोशल वर्कर देवी प्रसाद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "हम नए लेबर कोड का स्वागत करते हैं। इससे मजदूरों को बहुत फायदा होगा। पहले ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, आने वाले समय में और भी सुधार की उम्मीद है। केंद्र सरकार का यह कदम सबके हित में है।"
ठेकेदार प्रदीप तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार का यह सुधार सभी के लिए फायदेमंद है। इसमें महिलाओं और पुरुषों को समानता प्रदान की गई है। तय समय से अधिक कार्य करने पर अतिरिक्त वेतन मिलने से परिस्थितियों में सुधार होगा।
विनीत कुमार शुक्ला ने कहा कि नए नियमों के अनुसार मजदूरी करने आने वाले व्यक्तियों को उनके अधिकार मिलने की उम्मीद है। सबसे अच्छी बात यह है कि उन्हें पहले दिन से ही मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी। पहले इसके लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता था।
बैंकिंग सेक्टर के सुशील तिवारी ने कहा कि सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। नए कानूनों से लोगों को जल्दी ही उनके अधिकार मिलेंगे और अब कोई भी शोषण नहीं कर सकेगा। 40 वर्ष की आयु के कर्मचारियों के लिए वर्ष में एक बार मुफ्त स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की गई है।