क्या एनसीपी ने जाति जनगणना का समर्थन किया है?

सारांश
Key Takeaways
- जाति जनगणना का समर्थन एनसीपी द्वारा किया गया है।
- आनंद परांजपे ने जिम्मेदारी से कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है।
- कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों का विरोध किया गया है।
- राजनीतिक विवादों से बचने की सलाह दी गई है।
मुंबई, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता आनंद परांजपे ने सोमवार को केंद्र और राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर पार्टी की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने जाति जनगणना से लेकर अंतर्राष्ट्रीय मामलों और राज्य में घटित घटनाओं पर खुलकर अपनी राय रखी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पार्टी देशहित में हर आवश्यक कदम का स्वागत करती है, लेकिन कुछ मामलों में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बजाय जिम्मेदारी से कार्य करने की आवश्यकता है।
जाति जनगणना के संदर्भ में एनसीपी प्रवक्ता परांजपे ने कहा कि भारत सरकार द्वारा शुरू की गई जनगणना प्रक्रिया का एनसीपी स्वागत करती है। हर 10 साल में जनगणना का आयोजन आवश्यक है, लेकिन पिछली बार यह प्रक्रिया कोविड महामारी के कारण संभव नहीं हो सकी थी। इस बार की जनगणना में जातीय आधार पर आंकड़ों को शामिल करना एक सकारात्मक और स्वागत योग्य कदम है। इससे सामाजिक और आर्थिक नीतियों को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी।
पुणे में हुए पुल हादसे पर राजनीति को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए परांजपे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार खुद मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। सरकार पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ी है और उन्हें इलाज और सहायता प्रदान करने का पूरा खर्च उठाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों, इसके लिए सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। ऐसे में राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं, बल्कि मिलकर समाधान करने की आवश्यकता है।
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों पर उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत का तिरंगा देश के सम्मान और स्वाभिमान का प्रतीक है। विदेशों में बच्चों को गुमराह कर राष्ट्रविरोधी कार्यों में झोंकना निंदनीय है। उन्होंने केंद्र सरकार की आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' नीति का समर्थन करते हुए कहा कि पंजाब भारत का अविभाज्य हिस्सा है और खालिस्तानी ताकतों को पनपने नहीं देना चाहिए।
उत्तराखंड में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना को गंभीर बताते हुए परांजपे ने कहा कि श्रद्धालु बड़ी आस्था से यात्रा पर निकलते हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं पूरे परिवार को झकझोर देती हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इन घटनाओं की गंभीरता से जांच की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
धीरूभाई अंबानी को लेकर अजित पवार के वायरल वीडियो पर सफाई देते हुए परांजपे ने कहा कि उनका बयान गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा, "पवार साहब का आशय यह था कि सीमित संसाधनों के बावजूद यदि इरादे मजबूत हों, तो बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। कुछ तत्वों ने उनके भाषण को गलत संदर्भ में प्रचारित किया है, जो अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है।"
रायगढ़ जिले के पालक मंत्री को लेकर महायुति गठबंधन में चल रहे विवाद पर एनसीपी प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि पार्टी का रुख पहले दिन से स्पष्ट और जिम्मेदाराना रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस पर उचित भूमिका निभाएंगे, लेकिन कुछ शिवसेना नेता और विधायक एनसीपी नेताओं के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। परांजपे ने कहा कि हम महायुति में दरार नहीं चाहते, लेकिन यदि हमारे नेताओं पर हमला होगा तो मुंहतोड़ जवाब देंगे।
आनंद परांजपे ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी किसी भी मुद्दे पर राजनीति की बजाय जनहित और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देती है। हर घटना का समाधान संवाद और समन्वय से निकलना चाहिए, न कि टकराव और आरोप-प्रत्यारोप से।