क्या महाराष्ट्र में एनसीपी (एसपी) ने मुख्य न्यायाधीश के अपमान के खिलाफ आंदोलन छेड़ा?

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क्या महाराष्ट्र में एनसीपी (एसपी) ने मुख्य न्यायाधीश के अपमान के खिलाफ आंदोलन छेड़ा?

सारांश

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के अपमान को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल मची हुई है। एनसीपी (शरद पवार गुट) ने इस अपमान के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की है। जानिए इस आंदोलन की पृष्ठभूमि और इसके पीछे के कारणों के बारे में।

Key Takeaways

  • एनसीपी (एसपी) ने मुख्य न्यायाधीश के अपमान के विरोध में आंदोलन शुरू किया।
  • संविधान की रक्षा हर नागरिक का कर्तव्य है।
  • यह हमला न्यायपालिका की आत्मा पर है।
  • सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे कैंपेन की सच्चाई का पता लगाना जरूरी है।
  • धर्म और राजनीति को अलग रखना चाहिए।

नागपुर, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के अपमान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस घटना के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) ने राज्यभर में एक आंदोलन की शुरुआत की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि एनसीपी (एसपी) ने संविधान और न्यायपालिका की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है।

अनिल देशमुख ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में उल्लेख किया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमले का प्रयास बेहद गंभीर और निंदनीय है। उन्होंने कहा, संविधान राष्ट्र की आत्मा है और उसकी रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। लेकिन आज देश में कुछ ऐसे संगठन सक्रिय हैं जो संविधान का सम्मान नहीं करते और उसमें बदलाव की बात करते हैं।

देशमुख ने कहा कि सोशल मीडिया पर मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई के खिलाफ चलाए जा रहे कैंपेन की सच्चाई को उजागर करने के लिए केंद्र सरकार को जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा, “कौन लोग इस साजिश के पीछे हैं, यह सभी जानते हैं। जो संगठन संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं, उनका चेहरा जांच के बाद उजागर होगा।”

एनसीपी (एसपी) के नेता ने यह भी कहा कि पार्टी संविधान और न्यायपालिका पर हो रहे हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगी और जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि संविधान की मूल भावना पर प्रहार है।

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने केंद्र सरकार और मौजूदा विचारधारा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि आज जिस विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है, उसने न्यायपालिका को भी प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, “जिस तरह से पूरे देश को चलाया जा रहा है, उससे स्पष्ट है कि न्यायपालिका में बैठे लोग भी संविधान की भावना के अनुसार काम नहीं कर पा रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि आज देश में धर्म को विकृत रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है और जनता को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, “धर्म और राजनीति को अलग रहना चाहिए, लेकिन वर्तमान में दोनों को मिलाकर देश को बर्बादी की ओर धकेला जा रहा है। मनुवादी विचारधारा समाज को पीछे ले जा रही है और सरकार ऐसे लोगों को समर्थन दे रही है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस घटना से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा है और सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश गवई को संविधान के प्रति समर्पित और बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने वाला व्यक्ति बताया। इस हमले की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है, क्योंकि यह सिर्फ व्यक्ति विशेष पर नहीं, बल्कि संविधानिक मूल्यों पर हमला है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि संविधान की रक्षा और न्यायपालिका की स्वायत्तता हमारे लोकतंत्र के मूल तत्व हैं। वर्तमान में जो घटनाएँ हो रही हैं, वे संविधानिक मूल्यों पर खतरा हैं। हमें हर नागरिक को इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

एनसीपी (एसपी) का आंदोलन क्यों शुरू हुआ?
यह आंदोलन भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के अपमान के खिलाफ शुरू किया गया है।
अनिल देशमुख का क्या कहना है?
अनिल देशमुख ने कहा कि यह हमला संविधान की मूल भावना पर है और वे आंदोलन जारी रखेंगे।
क्या यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला है?
नहीं, यह संविधानिक मूल्यों पर हमले का प्रतीक है।
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया क्या है?
कांग्रेस नेताओं ने मौजूदा विचारधारा पर तीखा हमला करते हुए न्यायपालिका की स्वायत्तता पर चिंता जताई है।