क्या एनसीआरटीसी ने साइबर सुरक्षा नवाचार के लिए ई-गवर्नेंस 2025 के राष्ट्रीय पुरस्कारों में स्वर्ण पुरस्कार जीता?

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क्या एनसीआरटीसी ने साइबर सुरक्षा नवाचार के लिए ई-गवर्नेंस 2025 के राष्ट्रीय पुरस्कारों में स्वर्ण पुरस्कार जीता?

सारांश

एनसीआरटीसी ने अपने उत्कृष्ट प्रयासों के चलते ई-गवर्नेंस 2025 राष्ट्रीय पुरस्कारों में स्वर्ण पुरस्कार जीता है, जो साइबर सुरक्षा में नवाचार के लिए है। इस उपलब्धि ने संगठन की प्रतिष्ठा को और बढ़ाया है। जानें इस बारे में और क्या खास है इस पुरस्कार में।

Key Takeaways

  • एनसीआरटीसी ने ई-गवर्नेंस 2025 पुरस्कारों में स्वर्ण पुरस्कार जीता।
  • यह पुरस्कार साइबर सुरक्षा नवाचार के लिए दिया गया।
  • डॉ. जितेंद्र सिंह ने पुरस्कार प्रदान किया।
  • एनसीआरटीसी ने नई तकनीकों का उपयोग किया है।
  • सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।

नई दिल्ली, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एनसीआरटीसी को भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित ई-गवर्नेंस 2025 राष्ट्रीय पुरस्कारों में स्वर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आयोजित 28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन के दौरान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा यह पुरस्कार और 10 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की गई।

एनसीआरटीसी को यह सम्मान 'साइबर सुरक्षा में सर्वश्रेष्ठ ई-गवर्नेंस अभ्यास/ साइबर सिक्योरिटी में नवाचार' (बेस्ट ई-गवर्नेंस प्रैक्टिसेज/इनोवेशन इन साइबर सिक्योरिटी) श्रेणी में मिला है।

एनसीआरटीसी को यह सम्मान नमो भारत परियोजना में साइबर और डिजिटल सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के अग्रणीय प्रयास के लिए दिया गया है। आज के डिजिटल युग में, इंटरनेट के जरिए टिकट और मोबाइल ऐप्स जैसी यात्री सेवाएं ऑपरेशनल तकनीकों जैसे सिग्नलिंग, स्काडा, रोलिंग स्टॉक नियंत्रण और एलटीई संचार नेटवर्क से जुड़ रही हैं, जिससे साइबर हमलों का खतरा बढ़ गया है।

एनसीआरटीसी ने सुरक्षा की दृष्टि से एक मजबूत ढांचा सुनिश्चित किया है ताकि यात्रियों के लिए तेज और सुविधाजनक सफर के साथ ही उनकी सुरक्षा भी बनी रहे। नमो भारत में साइबर सुरक्षा परियोजना का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है।

एनसीआरटीसी ने चरणबद्ध कार्यान्वयन, सूचना प्रौद्योगिकी और ऑपरेशनल प्रौद्योगिकी नेटवर्क के पृथक्करण, सख्त एक्सेस कंट्रोल, निरंतर निगरानी और यूनिडायरेक्शनल गेटवे के उपयोग के जरिए एक सुरक्षित वातावरण बनाया है, जहां ट्रेन संचालन सुरक्षित रहते हैं और यात्रियों के लिए तेज यात्रा और सहज टिकटिंग सुनिश्चित होती है।

यात्रियों को प्राथमिकता देते हुए, एनसीआरटीसी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच भारत का पहला रीजनल रेल कॉरिडोर लागू करते समय कई नई तकनीकों को अपनाया है, जिसमें एलटीई कम्युनिकेशन बैकबोन पर ईटीसीएस हाइब्रिड लेवल-3 सिग्नलिंग (जो दुनिया में पहली बार है) और कम रखरखाव वाली बलास्टलेस प्रीकास्ट स्लैब ट्रैक टेक्नोलॉजी शामिल हैं। ये उन्नत तकनीक तेज कनेक्टिविटी के साथ अत्याधुनिक डिजिटल सुरक्षा भी प्रदान करती हैं।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि एनसीआरटीसी की यह उपलब्धि न केवल संगठन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी है। साइबर सुरक्षा में नवाचार के माध्यम से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आज की आवश्यकता है, और एनसीआरटीसी ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

एनसीआरटीसी ने पुरस्कार कब और क्यों जीता?
एनसीआरटीसी ने 24 सितंबर को ई-गवर्नेंस 2025 राष्ट्रीय पुरस्कारों में साइबर सुरक्षा नवाचार के लिए स्वर्ण पुरस्कार जीता।
यह पुरस्कार किसने प्रदान किया?
यह पुरस्कार भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रदान किया।
एनसीआरटीसी को यह पुरस्कार किस श्रेणी में मिला?
यह पुरस्कार 'साइबर सुरक्षा में सर्वश्रेष्ठ ई-गवर्नेंस अभ्यास/ नवाचार' श्रेणी में मिला।
साइबर सुरक्षा के लिए एनसीआरटीसी ने क्या कदम उठाए हैं?
एनसीआरटीसी ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई तकनीकों को अपनाया है, जिनमें सख्त एक्सेस कंट्रोल और निरंतर निगरानी शामिल हैं।
नमो भारत परियोजना का क्या महत्व है?
नमो भारत परियोजना में साइबर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।