क्या एनडीए संसदीय दल की बैठक में 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए संसदीय दल की बैठक में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर प्रस्ताव पारित किया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की गई।
- पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
- भारतीय सशस्त्र बलों की साहसिकता को सलाम किया गया।
- 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से भारतीय संस्कृति और नारी शक्ति के प्रतीक को सम्मानित किया गया।
नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल की बैठक में मंगलवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' से संबंधित एक प्रस्ताव पारित किया गया। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संसद परिसर में आयोजित की गई। एनडीए संसदीय दल ने 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'ऑपरेशन महादेव' के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित अद्वितीय साहस और अटूट प्रतिबद्धता को सलाम किया। इसके साथ ही, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों के प्रति गहरी संवेदना और श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
प्रस्ताव में उल्लेख किया गया, "एनडीए संसदीय दल हमारे सशस्त्र बलों के अद्वितीय साहस और अटूट प्रतिबद्धता को सलाम करता है, जिन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'ऑपरेशन महादेव' के दौरान अदम्य साहस का परिचय दिया। उनका साहस हमारे राष्ट्र की रक्षा के प्रति उनके अटूट समर्पण को दर्शाता है। हम पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए नागरिकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।"
एनडीए संसदीय दल ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की, विशेष रूप से चुनौतियों के इस समय में। प्रस्ताव में कहा गया, "एनडीए संसदीय दल इस कठिन समय में प्रधानमंत्री के असाधारण नेतृत्व की सराहना करता है। उनके अटूट संकल्प और दृढ़ नेतृत्व ने न केवल राष्ट्र को उद्देश्यपूर्ण दिशा दी है, बल्कि सभी भारतीयों के हृदय में एकता और गौरव की नई भावना भी जगाई।"
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों को धर्म के आधार पर अलग करके गोली मारी गई। इस घटना ने पूरे देश में गहरा दुख और आक्रोश पैदा किया। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
एनडीए के प्रस्ताव में प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को दोहराया गया, जिसमें उन्होंने बिहार की रैली में कहा था, "भारत हर आतंकवादी और उनके समर्थकों की पहचान करेगा, उन्हें खोजेगा और उन्हें दंडित करेगा।"
प्रधानमंत्री के इस संकल्प को वास्तविकता में बदलते हुए, 6-7 मई की रात भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया। यह एक सटीक और लक्षित सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई गैर-उकसाने वाली, लेकिन निर्णायक थी।
एनडीए ने यह भी कहा कि 2014 से पहले देश के कई बड़े शहरों जैसे पटना, बेंगलुरु, मुंबई, गुवाहाटी, वाराणसी, अहमदाबाद, हैदराबाद और दिल्ली में नियमित बम धमाके होते थे। लेकिन 2014 के बाद से इस पर सख्ती से लगाम लगी है, जो भारत की रणनीति में आए बदलाव को दर्शाता है।
एनडीए ने कहा कि 'सिंदूर' नाम केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और नारी शक्ति के प्रतीक को भी दर्शाता है। आतंकवादियों ने जिन महिलाओं के सिंदूर को मिटाने की कोशिश की, भारत की सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से उनका बदला लिया और देश की अस्मिता की रक्षा की।