क्या एनडीए में सीट बंटवारे की तस्वीर जल्द साफ होगी? : नीरज कुमार

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो गई है।
- एनडीए में नेतृत्व और सहयोगी दलों की स्थिति पूरी तरह से तय है।
- नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव के सरकारी नौकरी के वादे को अव्यवहारिक बताया।
पटना, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार से आरंभ हो गई। हालांकि, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। इस पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रमुख प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि एनडीए में नेतृत्व और पांच सहयोगी दलों की स्थिति पूरी तरह से सुनिश्चित है।
उन्होंने कहा, "एजेंडा स्पष्ट है, औपचारिकताएं जल्द ही पूरी की जाएंगी। चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है, हमने बिहार को चिंता मुक्त कर दिया है।"
नीरज कुमार ने यह भी कहा कि प्रत्येक दल और कार्यकर्ता की अपनी महत्वाकांक्षाएं होती हैं, लेकिन 243 सीटों पर एनडीए का केवल एक ही उम्मीदवार होगा। हमें विश्वास है कि इस मामले में जल्द ही शुभ समाचार प्राप्त होगा।
इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के 'हर घर से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी' देने के वादे पर नीरज कुमार ने कटाक्ष करते हुए कहा, "तेजस्वी यादव को यह कैसे पता चला कि राज्य सरकार को अधिनियम बनाने का अधिकार है? अधिनियम के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है और उनकी पार्टी को तो केवल चार सीटें मिली हैं। तेजस्वी यादव के वादे जनता को भ्रमित करने वाले और अव्यवहारिक हैं।"
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एसआईआर के जरिए एनआरसी लागू करने के बयान पर नीरज कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी एक महिला मुख्यमंत्री हैं और कालीघाट के पास रहती हैं। लगता है, वह अब भविष्यवक्ता बन गई हैं।"
समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर नीरज कुमार ने कहा, "नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव ने शिक्षक की नौकरी छोड़कर समाजवादी आंदोलन को मजबूत किया, लेकिन पारिवारिक कारणों से यह आंदोलन अब नेपथ्य में चला गया है। अखिलेश यादव के कारण समाजवादी पार्टी की विचारधारा अब कमजोर हो गई है।"
वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ओवैसी साहब राजनीति के उन्मादी लोग हैं। न तो इनका धर्म से कोई लेना-देना है और न ही समाज से कोई सरोकार है।