क्या नीमच में छात्रों की पिटाई से ग्रामीणों ने चक्काजाम किया?

सारांश
Key Takeaways
- छात्रों के बीच मारपीट की घटना गंभीर है।
- ग्रामीणों का आक्रोश प्रशासन के प्रति स्पष्ट है।
- अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए गए।
- समुदाय की जागरूकता महत्वपूर्ण है।
- पुलिस और प्रशासन का तुरंत कार्रवाई न करना विवाद का कारण बना।
नीमच, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के नीमच जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रेवली में शुक्रवार को उस समय तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई, जब छात्रों के बीच हुई मारपीट के विरोध में परिजनों और ग्रामीणों ने स्कूल के बाहर मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि यह घटना गंभीर है और दोषी छात्रों को विद्यालय से तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।
गुरुवार को, ग्राम झालरी के छात्रों ने दो छात्रों के साथ मिलकर मारपीट की थी। इसमें कक्षा 12वीं के छात्र राजेंद्र सिंह तंवर और कक्षा 9वीं के छात्र भवदीपसिंह तंवर को गंभीर चोटें आईं। राजेंद्र के सिर में टांके आए। घायल छात्रों के परिजनों ने विद्यालय प्रशासन और सिटी थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, जिससे परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए।
शुक्रवार की सुबह, बड़ी संख्या में लोग स्कूल पहुंचे और मुख्य मार्ग पर बैठकर चक्का जाम कर दिया। इस दौरान मार्ग पर एंबुलेंस सहित भारी वाहन और दोपहिया, चार पहिया लगभग डेढ़ घंटे तक फंसे रहे। ग्रामीणों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि जाम से निकलने की कोशिश कर रहे एक युवक के साथ भी मारपीट की गई।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। जाम की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जन सिंह चौहान, एसडीएम संजीव साहू, तहसीलदार और अन्य अधिकारियों ने करीब डेढ़ घंटे की मेहनत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों को शांत किया और जाम खुलवाया।
ग्रामीणों ने अधिकारियों को एक शिकायती पत्र भी सौंपा। ग्रामीणों के आक्रोश और परिजनों की शिकायत के आधार पर विद्यालय के प्राचार्य ने अनुशासनहीनता के आरोप में 11वीं कक्षा के सात छात्रों को निष्कासित कर दिया।
शिक्षा अधिकारी सुजान मल मांगरिया ने बताया कि छात्रों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई थी और ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दोषी छात्रों के निष्कासन की मांग की थी।
प्राचार्य ने अनुशासन बनाए रखने के लिए सात छात्रों को तुरंत प्रभाव से निष्कासित किया है। ग्रामीणों ने प्राचार्य को निलंबित करने की मांग की, जिस पर उन्हें उनके मूल स्थान पर भेजा जा रहा है।